झारखंडी समित गोपाल ने सोमवार को स्वामी चिन्मयानंद के वकील अनूप त्रिवेदी की दलील सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। त्रिवेदी ने दलील दी कि स्वामी चिन्मयानंद की उम्र 75 साल है और उन्हें इस मामले में झूठा फंसा दिया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की सुनवाई की अगली तारीख तक अग्रिम जमानत दी है और पीड़ित एवं राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। झारखंडी समित गोपाल ने सोमवार को स्वामी चिन्मयानंद के वकील अनूप त्रिवेदी की दलील सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। त्रिवेदी ने दलील दी कि स्वामी चिन्मयानंद की उम्र 75 साल है और उन्हें इस मामले में झूठा फंसा दिया गया है।
उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वे कई चिकित्सा एवं संस्थान चला रहे हैं। इस याचिका से पहले भी अदालत ने याचिकाकर्ता का आरोप लगाने पर रोक लगाने का आरोप लगाया था। ऊपरी महाधिवक्ता एम. सी. चतुर्वेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता एके सैंड ने राज्य सरकार की ओर से इस जमानत याचिका का विरोध किया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसने 2011 में पीड़िता को अपने अजेय में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया।
इसके बाद पीड़िता और उसके परिवार ने शाह जहांपुर की कोतवाली पुलिस थाना में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 313, 342, 323, 376 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। बाद में, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 का आरोप पत्र जारी किया गया। नौ मार्च, 2018 को राज्य सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने का आदेश जारी किया था। इस संबंध में शाह जहांपुर की अदालत में एक आवेदन किया गया था। हालांकि अदालत द्वारा यह आवेदन खारिज कर दिया गया था।
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