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चार सालों में 555 नक्सलियों का सरेंडर…मुठभेड़ में 46 की मौत, जानिए Chhattisgarh के DGP ने क्यों लिखा NIA को लेटर

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने NIA को लेटर लिखा है। बस्तर इलाके में हो रही घटनाओं की जांच के लिए उन्होंने ये लेटर लिखा है। बस्तर इलाके में बीते एक महीने में नक्सलियों ने कई नेताओं की हत्या कर दी है। हत्या की बाद आम जनता में आक्रोश है।

हाइलाइट्स

  • छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में कई नेताओं की हत्या
  • राज्य के DGP ने लिखा NIA के महानिदेशक को लेटर
  • भूपेश बघेल ने कहा- राज्य सरकार भयमुक्त शासन देने के लिए प्रतिबद्ध
  • बस्तक इलाके में नक्सल विरोधी अभियान चला रही है पुलिस

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने एनआईए के महानिदेशक को एक लेटर लिखा है। अशोक जुनेजा ने यह लेटर बस्तर में तीन नेताओं की हत्या की जांच की मांग को लेकर लिखा है। जुनेजा ने कहा है कि माओवादियों का इलाका लगातार सिकुड़ रहा है। केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस के प्रयास से विगत वर्षों में नक्सली उन्मूलन में सफलता मिली है। इससे नक्सली बौखलाहट में जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार भयमुक्त एवं शासन व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने अपराध पर लगाम लगाए जाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के संवेदनशील रवैये के साथ नक्सलवादियों के आत्मसमर्पण के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति के कारण ही प्रदेश में नक्सली हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगी है। प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले चार वर्षों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण के कार्य किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण, आवश्यक प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है।

नक्सलियों ने किए हैं सरेंडर

गृहमंत्री ने कहा जनहित में किए जा रहे कार्यों से प्रभावित होकर और छत्तीसगढ़ पुलिस के संवेदनशील व्यवहार के कारण 555 नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसी दौरान 46 नक्सलवादियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत भी हुई है। बीते चार वर्षों में नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में 900 से अधिक परिवारों को मुकदमों से मुक्ति दिलाई जा चुकी है। सरकार की आदिवासियों के हित में दूरदर्शी सोच और पुलिस की संवेदनशीलता से संभव हो पाया है।

वापस कराई गई जमीनें

बस्तर को लेकर चार वर्ष पहले तक देश में कई भ्रांतियां थीं। लेकिन इन चार वर्षों में सरकार ने सुरक्षा और विश्वास को लेकर कार्य किया है। इस दौरान बस्तर क्षेत्र में विकास के कार्य हुए हैं। इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया, नए अस्पताल खोले गए, ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयीं। प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और आदिवासियों को उनकी जमीनें वापस कराई गई है।

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