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एएनआई
कोर्ट ने कहा कि समय पूर्व जारी किया गया आवेदन सितंबर 2019 से पकड़ा गया है और सेंट्रल कारागार, फतेहगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस साल पांच जनवरी को जारी किए गए प्रमाणपत्र प्रमाणपत्र के अनुसार, दोषी बिना किसी छूट के कुल 15 साल और 14 दिन की सजा काट चुका है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक आरोप की समय पर याचिका दायर करने से पहले अधिकारियों द्वारा ”अत्यधिक विलंब” करने वाले दावे किए जाने पर दावा करते हुए उत्तर प्रदेश के कारागार और अन्य को आश्वासित किया कि यदि ऐसे किसी अन्य मामले की लत लग गई है तो ”दंडात्मक कार्रवाई” की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि समय पूर्व जारी किया गया आवेदन सितंबर 2019 से पकड़ा गया है और सेंट्रल कारागार, फतेहगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस साल पांच जनवरी को जारी किए गए प्रमाणपत्र प्रमाणपत्र के अनुसार, दोषी बिना किसी छूट के कुल 15 साल और 14 दिन की सजा काट चुका है।
न्याय निर्णय डी.hai. चंद्रचूड़ और कॉमरेड पी.एस. नरसिंह की पीठ ने 13 जनवरी को अपने आदेश में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर ऐसे आवेदनों पर नीति के आधार पर विचार करने की आवश्यकता है। याचिका दायर करने के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश पूर्व में आवेदन करने के लिए आवेदन करने पर विचार करने और उसकी आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर स्थायी रूप से जारी किया जाएगा।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
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