
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। फिल्मों को समाज का आईना कहा जाता है और उन्हें रचनात्मक लिहाज से कुछ छूट भी मिलती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ‘हमारे बारह’ फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है. कोर्ट का कहना है कि उच्च न्यायालय का आदेश आने तक इस फिल्म को रोक कर रखा जाए.
यह फिल्म मुस्लिम समाज में पितृसत्तात्मक व्यवस्था की बात करती है. इसके अलावा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम आजादी का सवाल भी उठाया गया है. इसके अलावा तेजी से बढ़ती आबादी और उससे होने वाली समस्याओं पर भी यह फिल्म बात करती है. इस फिल्म में ऐक्टिंग करने वाले मनोज जोशी कहते हैं, ‘मैं तो एक कलाकार हूं. मैंने इस फिल्म में काम किया है, लेकिन कुछ लोग विरोध कर रहे हैं. मैं साफ कहूंगा कि यह फिल्म किसी धर्म को टारगेट नहीं करती. आज देश में महिलाओं के सम्मान की बात हो रही है. किसी भी समाज में महिलाओं को अपमानित करके नहीं रखा जा सकता.’
फिल्म परिवार के साथ देखने लायक
फिल्म का बचाव करते हुए मनोज जोशी कहते हैं, ‘एक महिला कोई ऑब्जेक्ट नहीं है. उसका सम्मान होना चाहिए. ऐसा भारत में हो रहा है. यह फिल्म अशिक्षा ,महिला सम्मान, बेरोजगारी और सशक्तीकरण पर बात करती है. आबादी बढ़ने का भी अहम पहलू है. इसलिए सभी लोगों को अपने परिवार के साथ यह फिल्म देखनी चाहिए.’



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