
नई दिल्ली। बॉलीवुड फिल्मों का संगीत उन्हें दुनिया भर में एक अलग पहचान टैग देता है। फिल्म की कहानी भले ही बहुत बेहतर न हो लेकिन संगीत को दर्शकों के दिल में जगह दी जा सकती है। एक नहीं ऐसा कई फिल्मों के साथ हुआ है जो भले ही बॉक्स ऑफिस पर हिट न हुई हो, लेकिन उनका संगीत आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। इस संगीत के पीछे एक बड़ा कारण है बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन सिंगर। आज हम एक ऐसी शिंगर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने अपने करियर के शुरुआती चरण में ही बड़ा मुकाम हासिल किया। उन्होंने कुछ ऐसा गाना गाए जो आज भी लोगों के दिल में बसे हैं, लेकिन अपने करियर के पीक पर होने के बावजूद उन्हें इंडस्ट्री को अचानक अलविदा कह दिया।
सुपर टैलेंटेड चक्कर ने मजबूरी में इंडस्ट्री को अचानक अलविदा करने का कड़ा फैसला लिया और उसके बाद विदेश चला गया। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की सबसे रोमांटिक रिश्तों में शुमार लता भट्ट की। ‘अंखियों के झरोखों से मैंने देखा जो सांवरे’, ‘चल चला अकेला अकेला चल चला चल’ और ‘कौन में दिशा लेकर चला रे बटोहिया’ जैसे सुपरहिट गाने आज भी आप गुनगुनते जरूर होंगे, यह सभी गाने लता भट्ट ने ही गाए हैं .
बचपन से ही संगीत में दिलचस्पी थी
लता भट्ट का परिवार राजस्थान के चुरू में रहता था। उनके पिता जयचंद भट्ट शास्त्रीय संगीत के प्रकांड विद्वान थे। लता का बचपन से ही प्रदूषण संगीत की ओर था। लेकिन कुछ पिता बेटी को संगीत सिखाने के खिलाफ सख्त थे। रूढ़िवादी सोच रखने वाले उनके पिता को लगता था कि बेटियों के लिए संगीत जैसी चीज नहीं हो सकती।
स्टेज शो ने बदकिस्मती से
लता न तो अपने पिता की बात को बोलना चाहती थीं और ना ही वह खुद को गाने से रोक पा रही थीं। इस बीच एक ऐसा वाक्या हुआ, जिसने लता की जिंदगी ही बदल दी। कोलकाता के एक स्टेज शो में लता को गाने का मौका मिला। स्टेज शो में बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े कलाकार पहुंचे थे। इस दौरान एक ब्रेक के दौरान बेबी लता को गाने का मौका मिला। लता ने बैक टू बैक 12 गाने गाए और वहां बैठे दर्शकों से उनकी आवाज दी जाने लगी। संगीत से लता का जीवन बदला और उनके पिता ने उन्हें संगीत सीखने की अनुमति दी और उनके पिता ने उन्हें शास्त्रीय संगीत सिखाने का फैसला किया।
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1964 में पिता के साथ मुंबई आईं
अब बेबी लता मुंबई जाना चाहती थीं. उनके पिता ने तब एक सख्त शर्त रखी कि लता बॉलीवुड के फिल्मी गाने नहीं गाएंगी। पिता की इस शर्त से वह परेशान थे कि उन्होंने अपनी मां को धमकी दी कि अगर उन्हें मुंबई नहीं भेजा गया तो वह कोई गलत कदम उठाएंगे। इसके बाद साल 1964 में उनके पिता लता को लेकर मुंबई आ गए। पिता ने सोचा था कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के स्ट्रगल को देखते हुए लता कुछ समय बाद खुद ही वापस स्क्रिप्ट्स लौटा देंगी और बाद में अपनी शादी कर लेंगी।
नौशाद साहब ने दी लता को संगीत की तालीम
मुंबई में ही उनकी आवाज़ को उस्ताद अल्ला ने बेहद पसंद किया और संगीतकार नौशाद के पास भेज दिया। नौशाद साहब ने बेबी लता के साथ करार किया कि 5 साल तक वह किसी और के साथ काम नहीं कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने लता को संगीत की तालीम देना भी शुरू कर दिया। इसके बाद लता के पास एक से एक बड़े संगीतकार के ऑफर आने लगे। बस फिर क्या था लता ने एक के बाद एक कई सुपरहिट गाने गाए और फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन सिंगर के रूप में जानी गईं। 14 साल की उम्र में उन्होंने ऐतिहासिक टीवी सीरियल ‘रामायण’ का गाना गाया, जिसके बोल हां- ‘हम कथा सुनते राम सकल गुणधाम की’। यह गाना भी लता ने ही गाया था।
शादी के बाद सुसुराल वालों ने स्वीकार नहीं किया
अब हम आपको लता की पर्सनल लाइफ के बारे में बता रहे हैं। लता से उन्होंने अपना नाम हेमलता कर लिया। हेमलता की पहली शादी अभिनेत्री योगिता बाली के भाई योगेश के साथ हुई थी, हालांकि वह शादी के बाद चार दिन ही सुसुराल में रही और उसके बाद अपने माता-पिता के घर लौट आई। दरअसल, योगेश के परिवार ने हेमलता को स्वीकार करने से ही इनकार कर दिया और घर से निकाल दिया। इसके बाद हेमलता और रविचंद्र जैन के बीच काफी कुछ बढ़ गया, लेकिन ये रिश्ते पर नहीं चढ़ सका।
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6 साल बाद जब जिंदगी में वापस लौटें योगेश बाली
इसके करीब 6 साल बाद उनके पति योगेश बाली अचानक उनकी जिंदगी में वापस लौट आए और उनसे जुड़ गए। इसके बाद हेमलता अपने सुसुराल में रहने लगी और बेटे आदित्य बाली को भी जन्म लिया, हालांकि कुछ समय बाद ही उनके पति योगेश की लिवर सिरोसिस से बीमारी से मौत हो गई और उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इसके करीब 3 साल तक वह संगीत की दुनिया से दूर हो रहा है। साल 1990 में उन्होंने एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की। लेकिन उनका मन नहीं लगा।
देश क्यों छोड़ा?
1999 में उन्होंने देश में रहने का फैसला किया और वे मैक्सिको चले गए, वहाँ उन्होंने अपना एक म्यूजिक स्कूल खोला और बच्चों को संगीत की शिक्षा देना शुरू किया।
जिंदगी की भी दूसरी दौड़ जी रहे हैं हेमलता
हेमलता इन दिनों अपने करियर के दूसरे दौर में जी रही हैं। हेमलता न केवल अपने करियर को बल्कि जिंदगी की भी दूसरी दौड़ जी रही हैं। ये दिलीप सिंह गुप्ता से शादी की। दिलीप के साथ अभी ये बेहद खुश हैं। कई सालों से संगीत की दुनिया से दूर रहने के बाद इन दिनों आपके पति की संगीत कंपनी में योगदान दे रहे हैं। हेमलता ने 38 से आकाशगंगा में 5000 से अधिक गाने गाए हैं। करीब तीन दशक तक उन्होंने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक नगमे दिए, जिसका इतिहास हमेशा याद रहता है।
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पहले प्रकाशित : मई 07, 2023, 04:30 IST



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