
भोपाल सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”विभागीय जांच और समझौते ब्यूरो की रिपोर्ट में पिछले तीन वर्षों में विशिष्टताओं का उल्लेख किया गया है। प्रश्न पत्र लीक किए जा रहे थे और चुनिंदा लोगों को बेचे जा रहे थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने लिप इम्पैक्ट से आयोग को भंग करने का फैसला किया है।”
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (एचपीएसएससी) को भंग कर दिया, जिसका कामकाज दिसंबर में एक प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सपो कर दिया गया था। भोपाल सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”विभागीय जांच और समझौते ब्यूरो की रिपोर्ट में पिछले तीन वर्षों में विशिष्टताओं का उल्लेख किया गया है। प्रश्न पत्र लीक किए जा रहे थे और चुनिंदा लोगों को पकड़े जा रहे थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने लिपट प्रभाव से आयोग को भंग करने का फैसला किया।” साथ ही उन्होंने कहा कि हमीरपुर स्थित एचपीएसएससी द्वारा हाल में आयोजित परीक्षाओं को लेकर भी नोटिस मिले।
सुक्खू ने यहां दस्तावेजों से कहा कि भाषा की सुविधा के लिए एचपीएसएससी द्वारा मौजूदा भर्ती प्रक्रिया को वैकल्पिक व्यवस्था या परीक्षा एजेंसी के गठन तक हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एचपीपीएससी) को प्रवेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में एचपीएससी द्वारा आयोजित की व्यवस्थाएं और पहले से आयोजित परीक्षाओं तथा साक्षात्कार और दस्तावेज जांच सहित सभी घोषित या घोषित नहीं किए गए पर आगे की कार्रवाई एचपीएससी द्वारा की जाएगी।
भोपाल ने कहा कि एचपीएससी के कर्मचारियों को ‘सरप्लस पूल’ में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें अपनी पसंद के नए कनेक्शन में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। सुक्खू के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन साल के दौरान हुए सवाल पत्र लीक घोटालों और अन्य काल्पनिक लेखकों में ऊपर से लेकर नीचे तक कई अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई और इस मामले में पहला आरोप पत्र जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में फर्जी विभाग द्वारा बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक सूक्ष्म जांच की गई थी। पिछले साल 23 दिसंबर को प्रश्न पत्र लीक होने का खुलासा होने के बाद 25 दिसंबर को होने वाले कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (आईटी) की परीक्षा रद्द कर दी गई थी, जब ब्यूरो ने एचपीएसएससी के एक वरिष्ठ सहायक उमा आज़ाद को दिया था।
आजाद के पास से हल किए गए प्रश्नपत्र और 2.5 लाख रुपये बरामद किए गए थे। इस मामले में अब तक आठ लोगों- उमा आजाद, उनके बेटे निखिल आजाद और नितिन आजाद, बिचौलिए संजीव और उनके भाई शशि पाल, नीरज, अजय शर्मा और तनु शर्मा को गिरफ्तार किया गया है।
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