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सुभासपा वैचारिक रूप से भाजपा के घेरे, दोनों घेरे के लिए लड़ रही हैं : दयाशंकर सिंह

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सुभासपा वैचारिक रूप से करीब हैं ”क्योंकि दोनों प्राथमिकताएं और राजनीति के लिए लड़ रही हैं।” दयाशंकर और ओम प्रकाश राजभर ने बैठक के बाद निर्णय से बातचीत की। हालांकि, राजभर ने अभी अभी गठजोड़ से इनकार किया है।

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने राज्य की पिछली विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से बृहस्पतिवार को उनकी पार्टियों में मुलाकात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सुभासपा वैचारिक रूप से करीब हैं ”क्योंकि दोनों प्राथमिकताएं और राजनीति के लिए लड़ रही हैं।” दयाशंकर और ओम प्रकाश राजभर ने बैठक के बाद निर्णय से बातचीत की। हालांकि, राजभर ने अभी अभी गठजोड़ से इनकार किया है।

दयाशंकर सिंह ने कहा, ओमप्रकाश राजभर वैचारिक रूप से भाजपा के ज्यादा करीब हैं। वे व्यापक, विस्तृत और अपरिचितों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। यही काम बीजेपी भी कर रही है, इसलिए स्वभाविक रूप से वह बीजेपी के ज्यादा करीब हैं। उन्होंने पहले बीजेपी के साथ भी गठबंधन किया था। सुभासपा ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर मुकाबला किया था.

उस साल हुए चुनाव के बाद बनी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मनमुताव के चलते वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वह सरकार और गठबंधन से अलग हो गए थे। राजभर की पार्टी ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था, लेकिन गठबंधन को स्पष्ट करने में सफलता नहीं मिली थी, बाद में राजभर ने सपा से भी नाता तोड़ लिया था। परिवहन मंत्री सिंह ने कहा, राजभर जब एसपी के साथ थे तब भी मैं उनसे मिलता था और उनसे कहता था कि आप गलत रास्ते पर जा रहे हैं।

आप घिनौने, घटियापन और भिन्नता के लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ भी तो यही काम कर रहे हैं। आप संदेश देते हैं कि आप कहां गलत रास्ते पर जा रहे हैं। आगामी एक दशक के चुनाव में गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, हमारा अनुपात अच्छी बात होगा। साथ रहने से (राजभर) भी सुख है हमें भी सुख है। उम्मीद है पूरी दुनिया टिकी है। राजनीति में संभावनाओं से कभी इनकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि, ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा से गठबंधन की सहानुभूति से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा, हम चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेंगे। बाकी, लोकसभा चुनाव जब आएंगे तो देखेंगे। परिवहन मंत्री से मुलाकात के मद्देनजर भविष्य में गठबंधन की सहानुभूति के सवाल पर सुभासपा प्रमुख ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, हम लोग साथ में बैठे हैं और हम लोग बराबर का अनुपालन करते रहते हैं। वह हमारे यहां आते हैं, हम उनके यहां जाते हैं।”

राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि यादव की एकता की बात करते हैं मगर बहुजन समाज पार्टी (बसपा)अध्यक्ष मायावती और कांग्रेस नेतृत्व से नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि अगर सर्वोच्च एकता होना चाहता है तो मायावती को मानक नेता और एक पर्दिलेटी मानक प्रधान पद के लिए उम्मीदवार बनाए रखें।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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