UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। किर्गिस्तान में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र अब सुरक्षित हैं। इंडियन एंबेसी ने उनके लिए कई प्रोटोकॉल जारी किए हैं। एंबेसी छात्रों के कॉलेज और यूनिवर्सिटी का दौरा कर रही है और उन्हें प्रोटोकॉल की जानकारी दी जा रही है। यहां छत्तीसगढ़ के ही 5 सौ से ज्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
रायपुर से मेडिकल की पढ़ाई करने किर्गिस्तान गए हर्ष थवाईत ने बताया कि यहां हालात अभी सामान्य होने लगे हैं और छत्तीसगढ़ के सभी छात्र सुरक्षित हैं। परिवहन या लोगों की आवाजाही पर कोई रोक टोक नहीं है। हालांकि, एहतियातनर क्लासेस ऑनलाइन मोड पर चल रही हैं।
हर्ष ने बताया कि भारतीय छात्र किर्गिज गणराज्य के कई शहरों में फैले हुए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर बिश्केक में हैं। बुधवार शाम इंडियन एंबेसी से लोग उनके कॉलेज भी पहुंचे थे और छात्रों को प्रोटोकॉल फॉलो करने कहा है।
- दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय छात्रों से की मुलाकात
छात्रों की समस्या देखकर दूतावास के अधिकारियों ने 18 मई को जलालाबाद राज्य विश्वविद्यालय, 21 मई को इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी और यूरेशियन मेडिकल यूनिवर्सिटी, 22 मई बुधवार को इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसिन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय छात्रों से बातचीत की।
इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसिन के छात्रों के अनुसार दूतावास के अधिकारियों ने हॉस्टल से बाहर जाने का प्रोटोकॉल बताया है। हॉस्टल से बाहर तीन लोगों को एक साथ जाना होगा। इसके अलावा छात्रों की मदद करने के लिए स्थानीय पुलिस को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है।
- किर्गिस्तान के मौजूदा हालात छात्र हर्ष की जुबानी…
‘मेरा नाम हर्ष थवाईत है। मैं रायपुर के श्याम नगर का रहने वाला हूं। यहां मैं किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक की आईएसएम यूनिवर्सिटी में मेडिकल 6th सेमेस्टर का छात्र हूं। मेरी यूनिवर्सिटी के अलावा यहां की लगभग 16 यूनिवर्सिटीज में 17 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। छत्तीसगढ़ के लगभग 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। इनमें से 250 हमारी यूनिवर्सिटी में ही पढ़ते हैं।’
- 13 मई को बिश्केक के एक हॉस्टल में विवाद हुआ
हर्ष ने कहा- ‘हमारी यूनिवर्सिटी के छात्र हॉस्टल के अलावा बिश्केक में किराए के फ्लैट में रहते हैं। 13 मई को बिश्केक के एक हॉस्टल में विवाद हुआ, जिसमें स्थानीय युवक की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने अरब स्टूडेंट्स के साथ मारपीट की, जिसका वीडियो वायरल हुआ। दो दिन तक हालत बहुत खराब थी। हमारे हॉस्टल के बाहर पुलिस और बाउंसर तैनात किए गए थे।’
- अब लोकल लोगों का सपोर्ट मिल रहा है
हर्ष ने बताया कि ‘कवर्ड कैंपस में रहने के कारण हम लोगों को समस्या नहीं हुई। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने खाने से लेकर हर सामान उपलब्ध कराया। चार दिन परेशान रहे, लेकिन इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रबंधन और भारतीय दूतावास के अधिकारी पूछ-परख करते रहे। 20 मई से स्थिति ठीक हुई है।’
‘हमें दूतावास के अधिकारियों ने बाहर जाने पर एक साथ जाने का निर्देश दिया है। हम लोगों को अब लोकल लोगों का भी सपोर्ट मिल रहा है। मंगलवार को ही लोकल लोगों ने हमें फूड सप्लाई किया है। हर्ष ने बताया कि बुधवार को ही वे ग्रुप में दो बार बाहर घूमकर आए हैं। हालात सामान्य ही दिखाई दिए।’
- फेक वीडियो वायरल होने से परिजन परेशाान
हर्ष से चर्चा के दौरान बताया कि ‘किर्गिस्तान के नाम से कई फेक वीडियो वायरल होने की वजह से भारत में बैठे छात्रों के परिजन परेशान हैं। परिजन ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन और यहां प्रवेश कराने वाली एजेंसियों से संपर्क किया है। कई भारतीय छात्र अलग-अलग फ्लाइट से र्किगिस्तान से भारत रवाना भी हुए हैं।’
हर्ष ने वीडियो और फेक न्यूज से बचने की बात खुद के परिजनों और भारतीय परिजनों से कही है। हर्ष का कहना है, कि पहले अपने बच्चों से बात कर ले, सोशल मीडिया के माध्यम से आ रही जानकारी पर भरोसा न करें।
- स्थानीय व्यक्ति की पिटाई और मौत से उठा विवाद
किर्गिस्तान में पढ़ रहे छात्रों के अनुसार अरब देशों के छात्र जिन हॉस्टल्स में रहते हैं, वह कवर्ड कैंपस में नहीं हैं। 13 मई को अरब छात्रों के हॉस्टल में एक लोकल व्यक्ति चोरी करने घुसा था। जिसे वहां के छात्रों ने रंगे हाथों पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। जिससे उसकी मौत हो गई।
किर्गिस्तान में गैर कानूनी तरीके से रह रहे लोगों का विरोध करने वाले गुट ने इस घटना के विरोध में देश में मौजूद विदेशियों से मारपीट और विवाद शुरू कर दिया। अरब के लोगों को टारगेट कर परेशान किया जा रहा था। हालांकि अब तक एक भी भारतीय छात्र के साथ हिंसा की कोई खबर नहीं आई है।
घटना के बाद किर्गिस्तान सरकार सख्त हुई है। यहां रहने वाले लोगों को बाहर से आए छात्रों को परेशान नहीं करने के निर्देश दिए हैं। विदेशियों को परेशान करने और उनसे मारपीट करने पर 5 साल की सजा सुनाई जा रही है।
- लोकल लोग कह रहे- छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं
छात्रों के मुताबिक लोकल लोग उनकी मदद कर रहे हैं। एक गुट की ओर से की गई घटना की निंदा कर रहे हैं। इसके साथ ही अपील कर रहे हैं, कि अब उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। सोशल मीडिया पर र्किगिस्तान के नागरिकों द्वारा वीडियो बनाकर अपलोड किया जा रहा है। जिसमें वे घटना की निंदा करते हुए दिख रहे हैं।
- कोरोना और रशिया-यूक्रेन वॉर की वजह से किर्गिस्तान माइग्रेट हुए छात्र
हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र MBBS की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। यहां पढ़ाई सस्ती है और एडमिशन आसानी से मिलने के कारण मेडिकल स्टूडेंट्स यहां आते हैं। मेडिकल की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान भेजने वाले इंटरनेशनल हायर स्कूल ऑफ मेडिसिन के मैनेजिंग डायरेक्टर शादाब अहमद ने बताया कि भारत में मेडिकल की पढ़ाई प्राइवेट कॉलेजों से करने पर लगभग 1 करोड़ खर्च होता है।
र्किगिस्तान में यही पढ़ाई 30-40 लाख रुपए में हो जाती है। भारतीय छात्र पहले यूक्रेन, रशिया, चाइना और कजाकिस्तान जाते थे। कोरोना के बाद चाइना जाने वाले छात्रों की संख्या घटी है। रशिया-यूक्रेन वॉर के बाद यहां भी छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने नहीं जा रहे हैं। ऐसे में किर्गिस्तान जाने वाले छात्रों की संख्या पिछले कुछ सालों में बढ़ी है।
- छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
दूतावास भारतीय छात्रों की चिंता दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। दो हेल्पलाइन 0555710041 और 0555005538 जारी की गई हैं, जो 24×7 काम कर रही हैं। इसके जरिए छात्र किसी भी तरह की सहायता के लिए दूतावास पहुंच सकते हैं।
- 17 हजार छात्रों की वापसी में लग सकता है एक महीना
आईएसएम के छत्तीसगढ़ डायरेक्टर शादाब अहमद ने कहा, कि किर्गिस्तान जाने के लिए प्राइवेट एयरलाइंस की तीन फ्लाइट संचालित हैं, जो लगभग 180 सीटर हैं। ऐसे में एक दिन में केवल 540 छात्र ही लौट सकते हैं। हर दिन अगर 540 छात्रों की वापसी होती है, ताे 17 हजार छात्रों की वापसी में एक महीने का समय लग सकता है।
- फ्लाइट टिकट के दाम भी बढ़े
किर्गिस्तान में विवाद के बाद भारत लौटने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। विवाद के बाद फ्लाइट टिकट की दर भी बढ़ गई है। वर्तमान में भारत आने के लिए प्राइवेट फ्लाइट्स में 25 से 70 हजार रुपए तक देना पड़ रहा है।
- CM साय ने किर्गिस्तान में फंसे छात्रों से की चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किर्गिस्तान में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों से बुधवार को फोन पर बात की है। उन्होंने छात्रों को खुद का ख्याल रखने और जरूरत होने पर छत्तीसगढ़ सरकार से संपर्क करने को कहा है। सीएम ने छात्रों को आश्वासन दिया है, कि छत्तीसगढ़ और भारत सरकार उनके साथ खड़ी है। सीएम साय ने बिलासपुर के मस्तूरी निवासी छात्र विजय और जांजगीर जिले की छात्रा शिवानी से बातचीत की।