
UNITED NEWS OF ASIA. लखनऊ | कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर विवादित टिप्पणी करने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में ACJM कोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने राहुल गांधी को 14 अप्रैल को अनिवार्य रूप से पेश होने का आदेश दिया है। पेशी से नदारद रहने पर गैर-जमानती वारंट जारी करने की सख्त चेतावनी दी गई है। इसके अलावा, अदालत ने उन पर ₹200 का जुर्माना भी लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 17 दिसंबर 2022 का है, जब राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने सावरकर को “अंग्रेजों का नौकर” और “पेंशन लेने वाला” बताया था। इसी बयान को लेकर वकील नृपेन्द्र पांडेय ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153(A) और 505 के तहत मामला दर्ज कर राहुल गांधी को प्रथम दृष्टया दोषी माना। इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान राहुल गांधी पेश नहीं हुए, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सख्त चेतावनी जारी की।
राहुल गांधी की गैरहाजिरी पर क्या बोला बचाव पक्ष?
राहुल गांधी की तरफ से उनके वकील ने दलील दी कि वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और 5 मार्च को उनकी एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात पहले से तय थी, इसी वजह से वे कोर्ट में पेश नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जानबूझकर कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं, यह कहना गलत होगा।
क्या हो सकता है आगे?
अगर 14 अप्रैल को राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। इसका मतलब है कि उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि राहुल गांधी इस मामले में अगली सुनवाई पर पेश होते हैं या नहीं। क्या यह मामला उनके लिए नए कानूनी संकट को जन्म देगा? इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।













