लेटेस्ट न्यूज़

अजब-गजब बिहार! बिना लाश की अर्थी बिना दाह के जलती चिता! गजब की ट्रिक पर कैसे हुआ शराब तस्करों का भंडाफोड़?

रिपोर्ट – प्रियांक सौरभ

मुजफ्फरपुर. ‘राम नाम सत्य है..’ एक अर्थी श्मशान जा रही है और जो भी पीछे है, वह झंडे को नमन करता है। दाह संस्कार के लिए कफन ओढ़ाकर अर्थी पर शव को श्मशान घाट ले जाया जा रहा है, यही समझा जाता है। हर जगह आमतौर पर ऐसा ही होता है। लेकिन मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र में अर्थी और दाह संस्कार की आड़ में अवैध शराब का खेल चल रहा था। पुलिस ने आनन फानन में खुला तो की लेकिन ये तस्कर हाथ नहीं आ सके। चौंकिए मत, आपको पूरा मामला बताया गया है।

हर गांव की तरह मुजफ्फरपुर के सदर क्षेत्र के माधोपुर सुस्ता गांव में भी श्मशान है। यहां कुछ लोग अर्थी वाक्यकर ‘राम नाम सत्य है’ दोहराते हुए श्मशान घाट उपस्थित थे। बिल्कुल तामझाम के साथ अर्थी पर शराब बनाने का सारा सामान श्मशान घाट पर पहुंचता था और घाट के पास विकल्प के बीच भट्टी पर शराब तैयार की जाती थी। घंटे-दो घंटे में तैयार शराब बनाकर रात की रात ये लोग चुपके से निकल जाते थे। गुप्त तो जादू का था, पर खुलासा कैसे हुआ?

कैसे हुआ? कैसे हुआ गुप्त?

माधोपुर अँधेरे के गमीणों को ही हो सकता है। शक न होता है अगर तस्कर तीव्र बुद्धि या उतावली न दिखाई दे। दरअसल अवैध शराब का सामान शमशान तक ले जाने के लिए जो अर्थ निकाली जा रही थी, लगभग हर शाम वह फटने लगी। कुछ लोगों ने जब देखा तो भनक लगा दी कि दाल में कुछ काला है। तब लोगों ने पुलिस को इसकी खबर कर दी।

प्रत्यक्ष गांव में हर शाम अर्थी कैसे निकल रही थी, वह भी एक महीने से! फिर क्या था! स्थानीय सदर थाने ने देर रात तक गठबंधन कर श्मशान घाट के पास संभावना से शराब बनाने का सामान ज़ब्त कर लिया। हालांकि तस्कर दलाल हो गएण् सदर थान प्रमुख सत्येंद्र मिश्रा ने बताया कि मिलने पर भट्टी को शराब का सामान तोड़ दिया और कुछ शराब भी ज़ब्त कर ली। तस्करों की पहचान की जा रही है।

टैग: बिहार शराब तस्करी, अवैध शराब, मुजफ्फरपुर खबर

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page