डकैत सीमा परिहार: कहते हैं कि जीवन कब क्या मोड़ लेगी, कोई नहीं जनता। किस्मत वाले इंसान को कहां से कहां ले जाता है, यह भी कोई नहीं जानता। ऐसी ही कहानी है दस्यु सुंदरी सीमा परिहार की। उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले के दिबियापुर कस्बे के बबाइन गांव में सीमा परिहार नाम की एक लड़की का जन्म हुआ। सीमा के पिता शिरोमणी सिंह अपनी बेटी का जीवन बनाना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही बंधक बना लिया था।
कई साल पहले की बात है सीमा परिहार अपनी 4 बहनें, दो भाई अपने माता-पिता के साथ गांव में एक छोटे से मकान में रहते थे। सीमा जब 13 साल की थी, तब एक रात सभी घर में सो रहे थे। रात में बरसात शुरू हो गई थी और उसी दौरान घर से बाहर गोली चलाने की आवाज आई। कुछ ही देर में सीमा के घर के दरवाजे को तोड़ते हुए एक और साथ में 8-10 लोग घर के अंदर घुस गए और 13 साल की बच्ची को उठाकर ले गए। सामूहिक से शुरू होती सीमा परिहार के डाकू बनने की कहानी।
बंधक बनने से धोखा बनने की कहानी
डाकू लाला राम, 13 साल की प्राचीन सीमा परिहार को जोड़कर चंबल के बीहड़ में ले गए। सीमा वहाँ से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की, लेकिन पहुँच नहीं पाई। डाकू लाला राम जहां भी जाता था, सीमा पर कड़ा पहरा बैठा करता था। अपने गैंग के लोगों से उसने बोलकर रखा था कि अगर सीमा तक कोशिश करे तो उसे गोली मार दे। इसके बाद सीमा चंबल के बीहड़ की उड़ गई और उसी को अपना घर बना लिया।
सीमा परिहार ने बीहड़ में रहने के तरीके कैसे सीखें और 16 की उम्र तक आते-आते अपने हाथों ने बंदूक थाम ली। सीमा परिहार जरूरत पड़ने पर गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर पुलिस को गिरफ्तार करने के लिए तैयार रहता था।
डाकू निर्भय गुर्जर से की थी शादी
डाकू लालाराम की गैंग के साथ मिलकर डाकू निर्भय गुर्जर ने भी चंबल में आतंक मचा रखा था। सीमा परिहार और निर्भय गुर्जर का एक दूसरे के लिए दिल का दौरा पड़ने लगा। सीमा परिहार ने काफी समय तक गैंग में रहने के बाद निर्भय गुर्जर का हाथ थाम लिया और उससे शादी कर ली। सीमा परिहार का कन्यादान भी डाकू लालाराम ने ही किया. लगभग दो साल तक निर्भय गुर्जर के साथ रहने के बाद सीमा परिहार 1997-98 में रिश्ता तोड़कर वापस लालाराम के पास आ गई और फिर उसने लालाराम गुर्जर से भी शादी की।
सीमा परिहार ने लड़के को जन्म दिया
सीमा परिहार ने 1998 में लालाराम से शादी करने के बाद 1999 में एक लड़के का जन्म दिया था। सीमा परिहार के लड़के को लगभग 10 महीने हो गए थे कि उसी वक्त सन् 2000 में लाला राम ने पुलिस पर हमला किया था। लालाराम की मौत के बाद सीमा परिहार सभी बीमार पड़ गए। पुलिस सीमा परिहार के पीछे पड़ गई। सीमा भी अपने बेटे को लेकर भाग रही है।
सरेंडर के बाद पति की मौत हो गई
सीमा परिहार ने अपने बेटे की खातिर बीहड़ से छुट्टी का फैसला लिया। पुलिस से बात के बाद सीमा पर बंदूक का लाइसेंस और जमीन देने की शर्त पर साल 2000 में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उस समय सीमा परिहार पर 200 लोगों के अपहरण, 30 लूट और 70 हत्या के मामले दर्ज थे। पकड़े जाने के बाद सीमा परिहार को करीब 3 साल की जेल हो रही है.
बताया जाता है कि शुरुआत के 6 महीने की सीमा परिहार ने अपने बेटे को अपने साथ जेल में रखा। रिहा होने के बाद सीमा परिहार ने एक बार फिर चंबल जाने की सोची, लेकिन अपने बेटे को अच्छा इंसान बनाने की खातिर चंबल की तरफ मुड़कर वापस कभी नहीं देखा।
बिग बॉस से जुड़ी सीमा परिहार
जेल से छूट के बाद सीमा पर राजनीतिक दल भी शामिल हुए। सीमा परिहार को वर्ष 2010 में बिग बॉस 4 से जुड़ने का प्रस्ताव मिला। बिग बॉस के आने के बाद सीमा परिहार ने सबका दिल जीत लिया और 76वें एपिसोड में बाहर हो गए। सीमा परिहार को वर्ष 2011 में राष्ट्रीय अपराध उन्मूलन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था। इसके बाद सीमा परिहार जुड़ाव सामाजिक कार्यकर्ता काम करने लगी।
यह भी पढ़ें: डाकू मलखान सिंह: बीहड़ में बागी मलखान सिंह की बोलती थी, 2014 में इस पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए किया था