धारचूला काली नदी: धाराचूला में काली नदी के तट बन रहे तटबंध का नेपाल के पथरबाज आए दिन बाधा बन रहे हैं। बुधवार देर शाम भी नेपाल की तरफ से कुछ अमराक तत्वों द्वारा भारतीय क्षेत्र में पत्थरबाजी की गई। भोपाल पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद धारचूला नगर की सुरक्षा के लिए 985 मीटर लंबा तटबंध बनाया जा रहा है। 25 नवंबर से जनवरी 2023 देर शाम तक नेपाल की तरफ आज 12 वी बार पत्थरबाजी जारी है।
ऐसे में पत्थरबाजों के दवाब के कारण घटखोला क्षेत्र में तटबंध का निर्माण का कार्य नहीं हो पा रहा है। आने वाले बरसात से पहले अगर घटखोला में तटबंध का निर्माण कार्य नहीं किया गया तो आने वाले बरसात में धारचूला नगर के बड़े हिस्से में कटाव का खतरा बना हुआ है। नेपाल की दिशा से 50 दिनों में पत्थरबाजो के द्वारा 12 वी बार पत्थरबाजी की है।भारत नेपाल के सयुक्त बैठक व समाधान के भरोसे के बाद आज फिर नेपाल की दिशा से भारतीय क्षेत्र में पत्थरबाजी से भारतीय क्षेत्र के लोग बंधन है. स्थानीय लोगो का कहना है की जब नेपाल में बाढ़ आई थी तो नेपाल को खतरा पैदा हो गया था।
तब भारतीय लोगों ने नेपाल के लोगों की मदद की थी जिसके बाद नेपाल के द्वारा अपने क्षेत्र में महाकाली कॉरिडोर के नाम से 5 किलोमीटर क्षेत्र में तटबंध का निर्माण किया गया तो भारतीय के द्वारा तटबंध कार्य में कभी भी बाधा नहीं की गई .बल्कि नेपाल का सहयोग किया है। लेकिन अब भारत तटबंध का निर्माण कर रहा है तो नेपाल के कुछ असामाजिक तत्व जनता को भड़का कर भारतीय क्षेत्र में पथराव कर रहे हैं।
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आने को लग रहा है
वहीं तटबंध कार्य में आने वाले दिनों में पत्थरबाजी से डर लगने लगता है स्थानीय सोहन सिंह ने बताया की नेपाल के द्वारा पत्थरबाजी की जा रही है जबकि तटबंध निर्माण में भारत और नेपाल दोनो देशों के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। नेपाल और भारत का भाई बंध का रिश्ता है इस बात को बनाया जाना चाहिए। तटबंध का कार्य करवा रहे साइट इंचार्ज ने बताया कि हम तटबंध का निर्माण कर रहे हैं। लेकिन नेपाल की तरफ से पत्थरबाजी के कारण काम नहीं हो पा रहा है। जिससे काम में देरी हो रही है।
दूसरी ओर धाराचूला के एसडीएम दिवेश शासन ने बताया कि भारत व नेपाल के अधिकारियों के बीच 6 जनवरी को बैठक तय हुई है। जिस्मे जिलाधिकारी भी शामिल बातें होंगी जिनके बाद ही घटाखोला के जीरोपॉइंट पर बैठक के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि नेपाल और भारत के अधिकारियों की एक बार फिर से 6 जनवरी को नेपाल में बैठक होने जा रही है कि नेपाल के द्वारा आने वाले दिनों में भारतीय क्षेत्र में पत्थरबाजी व तटबंध निर्माण कार्य को लेकर क्या पहुंच की दृष्टि होगी कि नेपाल की ओर क्या निष्कर्ष निकाला जाता है।