
UNITED NEWS OF ASIA. भारत समेत पूरी दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किया गया पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) आज से प्रभावी हो गया है। व्हाइट हाउस ने इसे इमीडीएटली (तत्काल) लागू करने की घोषणा की है। इस कदम का असर भारतीय शेयर बाजार में भी नजर आया, जहां मंगलवार को ही इस टैरिफ की आहट से सेंसेक्स 1400 अंक गिर गया और निफ्टी में 353 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
व्हाइट हाउस का बयान और ट्रंप की व्यापारिक रणनीति
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने व्यापार सलाहकारों के साथ इस टैरिफ योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ट्रंप उन देशों और कंपनियों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, जो कम दरों पर टैरिफ चाहते हैं। लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति का उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों के लिए बेहतर सौदा सुनिश्चित करना है।”
लिबरेशन डे पर घोषित होगा टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस टैरिफ का ऐलान लिबरेशन डे (मुक्ति दिवस) के मौके पर किया है, जो बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में शाम 4 बजे (स्थानीय समय) होगा। ट्रंप ने पहले से ही कनाडा और मैक्सिको से आयात, धातुओं पर शुल्क, और अब ऑटोमोबाइल पर स्थायी टैरिफ लगाने का भी ऐलान किया है, जो गुरुवार से लागू हो जाएंगे।
भारत को टैरिफ से नुकसान नहीं, रणनीति का फर्क
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अगर ट्रंप का टैरिफ वस्तु आधारित होता है, तो भारत को इसका कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि जिन वस्तुओं का भारत अमेरिका को निर्यात करता है, उन वस्तुओं का अमेरिका से आयात नहीं होता। अगर यह टैरिफ देश के कुल व्यापार के आधार पर लागू होता है, तो भारत को इसकी भरपाई करनी पड़ सकती है, क्योंकि भारत अमेरिका से लगभग 36 अरब डॉलर अधिक निर्यात करता है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों पर असर
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को पारस्परिक रूप से फायदेमंद और निष्पक्ष बनाने के लिए बातचीत कर रहा है। भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, और अमेरिका से होने वाला निर्यात भारत के कुल निर्यात का 20 प्रतिशत है।
भारत के लिए भविष्य की दिशा
अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने के लिए द्विपक्षीय बातचीत से कई मसलों का हल निकाला जा सकता है। पिछले छह सालों में दोनों देशों के बीच व्यापार दोगुना हुआ है और अमेरिका ने 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए पारस्परिक टैरिफ का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, लेकिन भारत ने पहले ही इस स्थिति से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार की है। इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा जारी रहेगी।
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