
अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन की प्रतिमा पर मंगलवार को किसी ने भगवा शॉल डाल दी। AIADMK के समर्थक भड़क गए और उन्होंने इसे लेकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की। चेन्नई में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के पास स्थित एमजीआर की प्रतिमा के भगवाकरण का प्रयास हुआ। इस प्रतिमा का उद्घाटन 2001 में पूर्व अभिनेत्री जे. जयललिता ने किया था। 2019 में जयललिता की मृत्यु के बाद उनकी प्रतिमा को एमजीआर की दृष्टि में रखा गया।
एआईएडीएमके के समर्थक ए जीआर और जयललिता की इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, करोड़ों ने एमजीआर की मूर्ति पर भगवा शॉल प्रविष्टि के मामले की कड़ी निंदा की। पुलिस थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद इन लोगों ने मांग की कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाए। एमजीआर के झटके ने ऐसा हरकत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के लिए जाने की अपील की है।
पुलिस ने एमजीआर की मूर्ति से शाल की उतराई की
पुलिस टीम शिकायत मिलने के बाद मौके पर पहुंची और एमजीआर की मूर्ति से शॉल उतर गई। पुलिस अधिकारी अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि मूर्ति को शॉल पहनाया जाए। इसे लेकर इलाके में लगे सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है। साथ ही घटना को लेकर लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। हालांकि, अभी तक इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।
पहले भी शिथिलता के भगवाकरण के हुए प्रयास
इससे पहले तिरुवल्लुवर, अन्ना, पेरियार और आंबेडकर की बनावट के भगवाकरण का मामला सामने आया है। साल 2020 में पेरियार की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी। पेरियार की मूर्ति पर भगवा रंग उनके संबंध खोने की कोशिश की गई थी। राज्य के इनामकुलातुर के समतुवापुरम कॉलोनी में प्रतिमा के पास की पट्टी भी मिली थी। मूर्ति को लेकर मामला दर्ज किया गया था। इस पर खूब राजनीतिक हो-हल्ला मचा था।



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