UNITED NEWS OF ASIA. अम्रितेश्वर सिंह, रायपुर। जैन समाज द्वारा आगामी 9 जुलाई से आरंभ हो रहे चातुर्मास से पूर्व आयोजित मंगल प्रवेश कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने भाग लिया। इस अवसर पर साध्वी हंसकीर्ति जी के नेतृत्व में सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा का स्वागत जय स्तंभ चौक पर छाबड़ा द्वारा नारियल और चावल से पारंपरिक रीति से किया गया।

इस दौरान छत्तीसगढ़ सिख काउंसिल के पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहे। शोभायात्रा में साध्वी हंसकीर्ति जी के साथ महेन्द्र सागर जी और उपाध्याय जी समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। यह आयोजन समाज में धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बना।
धर्मसभा में अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि “चातुर्मास जैन धर्म का एक अत्यंत पवित्र काल है, जिसमें तप, संयम, आत्मचिंतन और साधना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान साधु-संत एक स्थान पर रहकर साधना करते हैं, और चातुर्मास से पूर्व उनका विहार होता है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है।”

छाबड़ा ने बताया कि जैन संतों के विहार में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर यह सुनिश्चित किया गया है कि साधु-संतों को विहार के दौरान पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षित वातावरण और प्रशासनिक सहयोग प्राप्त हो।
कार्यक्रम के अंत में दादाबाड़ी जैन धर्मसभा में अमरजीत सिंह छाबड़ा का शाल, मोतियों की माला और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर जैन समाज के प्रमुखजन प्रकाशचंद सुराना, संपत झाबक, श्याम सुंदर मुथा, संतोष बैद सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
इस आयोजन ने जैन समाज की श्रद्धा, संयम और प्रशासनिक सहयोग के सुंदर समन्वय का संदेश दिया।