
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले चार सालों में हेलीकॉप्टर किराए पर ₹249 करोड़ 15 लाख 42 हजार 818 रुपए खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह जानकारी कांग्रेस विधायक इंद्र साव के सवाल के जवाब में दी।
कब-कब और कितनी बार लिया गया हेलीकॉप्टर किराए पर?
कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि राज्य सरकार ने किन निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया और उन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया? इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक सरकार ने ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (गुड़गांव, हरियाणा) और एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड से हेलीकॉप्टर किराए पर लिए।
वर्षवार खर्च का पूरा ब्योरा:
2021-22:
- ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड – ₹6.66 करोड़ (11 बार किराया)
- एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड – ₹18.15 करोड़ (21 बार किराया)
2022-23:
- ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड – ₹59.99 करोड़ (41 बार किराया)
- एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड – ₹18.71 करोड़ (16 बार किराया)
2023-24:
- ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड – ₹89.50 करोड़ (51 बार किराया)
2024-25 (31 जनवरी 2025 तक):
- ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड – ₹56.11 करोड़ (37 बार किराया)
क्या राज्य के पास अपना विमान है?
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2006-07 में डबल इंजन युक्त सरकारी विमान King Air B-200 (VT-CTG) खरीदा था, जो दिसंबर 2006 से उपलब्ध है। हालांकि, इसके बावजूद सरकार समय-समय पर टेंडर के जरिए निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर किराए पर लेती रही है।
क्या यह खर्च जरूरी था?
सरकार के इस खर्च पर विपक्ष सवाल उठा सकता है, क्योंकि एक ओर राज्य में कई विकास कार्यों के लिए बजट की कमी बताई जाती है, वहीं दूसरी ओर हेलीकॉप्टर किराए पर इतना बड़ा खर्च किया गया। क्या यह खर्च जरूरी था या सरकारी विमान का बेहतर उपयोग किया जा सकता था? यह सवाल अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन सकता है।













