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श्री अरबिंदो की वर्षगांठ: पीएम मोदी बोले- विपरीत चरित्रों में भारत थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन…

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समकालीन रूप से अप्रासंगिक घटनाओं को घटित होने को अक्सर एक घटना माना जाता है। लेकिन ये संयोग हमेशा एक ‘योग शक्ति’ से संचालित होते हैं। सामूहिक ऊर्जा सभी को एक साथ बांधती है और श्री अरबिंदो का जीवन ऐसी ऊर्जा को प्रदर्शित करती है।

श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथी अपने सहयोगी बने। इस दौरान मोदी ने कहा कि अरबिंदो के जन्मदिवस के पुण्य अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हाइलाइट्स देता हूं। उन्होंने कहा कि श्री अरबिंदो के 150वें जन्मदिवस के ऐतिहासिक असवर पर उनके विचार और प्रेरणाओं को हमारी नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस पूरे साल को विशेष रूप से बनाने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि जब प्रेरणा और कर्तव्य, प्रेरणा और कार्य एक साथ मिल जाते हैं तो असंभव लक्ष्य भी अवश्यम्भावी हो जाते हैं। आज़ादी के अमृतकाल में आज देश की सफलताएं, देश की उपलब्धियां और ‘सबका प्रयास’ का संकल्प इस बात का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समकालीन रूप से अप्रासंगिक घटनाओं को घटित होने को अक्सर एक घटना माना जाता है। लेकिन ये संयोग हमेशा एक ‘योग शक्ति’ से संचालित होते हैं। सामूहिक ऊर्जा सभी को एक साथ बांधती है और श्री अरबिंदो का जीवन ऐसी ऊर्जा को प्रदर्शित करती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि श्री अरबिंदो का जीवन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का प्रतिबिंब है। उनका जन्म भले ही बंगाल में हुआ हो, लेकिन अपना अधिकांश जीवन वे गुजरात और पुद्दुचेरी में रहते थे। वे जहां भी गए, वहां अपने व्यक्तित्व की गहरी छाप छोड़ी। साथ ही मोदी ने कहा कि अगर हम अरबिंदो के जीवन को करीब से देखें तो हम भारत की आत्मीय विकास यात्रा का अनुभव कर सकते हैं। अरबिंदो का जीवन कई पहलुओं का समामेलन है जिसमें आधुनिक खोज और राजनीतिक ज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान भी शामिल है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वो अमर बीज है, जो इसके विपरीत विपरीत रंगों में थोड़ा दब सकता है, थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन मर नहीं सकता। क्योंकि, भारत मानव सभ्यता का सबसे परिष्कृत विचार है, मनुष्यता का सबसे स्वाभाविक स्वरुप है। उन्होंने कहा कि ”श्री अरबिंदो, उन स्वतंत्रता सेनानियों में से थे जो पूर्ण स्वराज की मांग करते थे और कांग्रेस के ब्रिटिश परस्त फ्रैंक की फ्रैंक आलोचना की। उन्होंने कहा था कि अगर हम अपने राष्ट्र का पुनर्निर्माण चाहते हैं तो हमें रोते हुए बच्चे की तरह ब्रिटिश राज के सामने रोना बंद करना होगा।’ इस दौरान प्रधानमंत्री ने श्री अरबिंदो का एक स्मारक सिक्क और डाक टिकट जारी किया।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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