
केंद्रीय कैबिनेट में इस महीने बदलाव की संभावनाएं जा रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बजट सत्र से पूर्व ऐसा कर सकते हैं। इस साल इसे अलग-अलग राज्यों में चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। उसी के साथ यह भी अनुरोध किया जा रहा है कि कैबिनेट से मुक्त होने वाले मंत्री को संगठन का कामकाज दिया जाएगा। 14 जनवरी के बाद खरमास समाप्त हो जाता है और इसके बाद ही शुभ कार्य किए जाते हैं।
चुनावों पर नजर
व्यस्त है कि 2023 में करीब दस राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके अलावा 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक सूत्रों का दावा है कि चुनाव से पहले बीजेपी के अलग-अलग फैक्टर्स पर ध्यान देना होगा। इसके तहत बीजेपी के डिजर्विंग सांसदों को केंद्रीय मंत्रालय में जगह दी जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय से मुक्त हुए सांसदों को पार्टी संगठन से संबंधित जिम्मेदारियां ढाँचे। इसके तहत बीजेपी विभिन्न राज्यों में चुनावी नतीजों पर जोर देगी।
बड़े तादाद में बदलाव संभव
ज़ब्त है कि पिछली बार मोदी सरकार के मंत्रालय में 8 जून, 2021 को बदलाव हुआ था। टैब 12 मिनिस्टर को रिप्लेस किया गया था। इसमें कई बड़े नाम शामिल थे। सूत्र का अनुमान है कि इस बार भी कैबिनेट री-शफल उसी अनुपात में होगा। ऐसा भी अनुमान है कि इस बार सदस्यों की संख्या मंत्रालय में बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा गुजरात से भी कुछ नामों को मंत्रालय में शामिल किया जा सकता है। इन सांसदों को गुजरात में मिली भारी जीत का इनाम देने के तहत ऐसा किया जा सकता है।
सदस्य मंत्री की संख्या?
ऐसी भी जानकारी सामने आई है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इसे लेकर राज्यों के रजिस्टर और नामांकन से चर्चा कर चुकी है। मंत्रालय के पुर्नगठन में महिलाओं और नामांकन श्रेणी के सांसदों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। सूत्र के अनुसार शीर्ष नेतृत्व की इस चर्चा में नए बनने वाले मिनिस्टर की लिस्ट भी फाइनल हो चुकी है। इसके तहत अल्पसंख्यक प्रदेशों और पार्टी संगठनों के बीच बेहतर सहयोग विकसित करने पर भी जोर दिया जाएगा।



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