
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में भेज दिया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने ईडी की अर्जी मंजूर करते हुए चैतन्य को 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर भेजा। अब ईडी 23 अगस्त तक उनसे पूछताछ करेगी।
कैसे हुई गिरफ्तारी
ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई निवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर की FIR पर आधारित जांच से जुड़ी है, जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराएँ शामिल हैं।
आरोप है कि शराब सिंडिकेट के जरिए प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान पहुँचाया गया और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।
16.70 करोड़ रुपये की कथित कमाई
ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नगद मिले, जिन्हें उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से मिलाया।
इस राशि का उपयोग ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक एंट्रीज़ में किया गया।
चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर अपने “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फर्जी खरीदारों के नाम से लेन-देन दिखाकर 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए।
बैंकिंग ट्रेल से इन लेन-देन की पुष्टि होने का दावा ईडी ने अदालत में किया।
1000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन
ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से उपजे 1000 करोड़ रुपये से अधिक के POC को संभालने का भी आरोप है।
वह अनवर ढेबर और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर धन को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुँचाने का समन्वय करते थे।
पहले से गिरफ्त में कई बड़े नाम
इस घोटाले में पहले ही कई बड़े चेहरे गिरफ्तार हो चुके हैं –
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा
अरविंद सिंह
कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों
अनवर ढेबर
आईटीएस अरुण पति त्रिपाठी
पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा
चैतन्य की याचिका और कोर्ट का रुख
चैतन्य बघेल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में उनके वकील ने शिकायत की कि जेल में चैतन्य को पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा, जिस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए।
अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को होगी।
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