थाना खल्लारी निरीक्षण के मुख्य बिंदु:

रिकॉर्ड और व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा:
एसपी परिहार ने थाना के अपराध रजिस्टर, मालखाना, शस्त्रागार, महिला हेल्प डेस्क, सीसीटीएनएस, लंबित विवेचनाएं, और बीट व्यवस्था सहित परिसर की स्वच्छता और अनुशासन की समीक्षा की।
🔹 थाना स्टाफ को दिशा-निर्देश:

थाना प्रभारी सहित स्टाफ को संवेदनशील पुलिसिंग, लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण, तथा नियमित गश्त और जनसंपर्क को लेकर सख्त निर्देश दिए गए।
डीआरजी कैंप नगरी में नक्सल रणनीति पर संवाद:
पुलिस अधीक्षक परिहार ने नगरी डीआरजी कैंप में नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा की और जमीनी स्तर पर कार्यरत जवानों से सीधे संवाद के माध्यम से उनके अनुभवों और चुनौतियों को जाना।
मुख्य चर्चाएं:
🔸 नक्सल अभियानों की समीक्षा:
पिछले महीनों में चलाए गए अभियानों की प्रगति की समीक्षा की गई और सामरिक कमियों व जमीनी कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
🔸 स्थानीय संपर्क और खुफिया तंत्र:

एसपी ने कहा, “स्थानीय नागरिकों के सहयोग के बिना नक्सल पर निर्णायक प्रहार संभव नहीं है।” उन्होंने जवानों को मुखबिर तंत्र सुदृढ़ करने, सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
🔸 डीआरजी तैनाती और रिएक्शन टाइम पर पुनर्विचार:
जवानों की तैनाती स्थानों, रिएक्शन टाइम, और यूनिट संरचना में बदलाव पर चर्चा की गई। जवानों को अंदरूनी गांवों में जनसंपर्क के माध्यम से सूचना स्रोत विकसित करने के निर्देश भी दिए गए।
🔸 सुविधा और संसाधन समीक्षा:
कैंप में भोजन, आवास, लॉजिस्टिक सपोर्ट आदि की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक सुधार हेतु दिशा-निर्देश जारी किए।
🔸 भविष्य की प्राथमिकताएँ:

उपस्थित अधिकारी:
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स), एसडीओपी नगरी श्री शैलेन्द्र पांडे, थाना प्रभारी खल्लारी व नगरी, डीआरजी प्रभारी तथा डीआरजी के स्थानीय जवान उपस्थित रहे।
एसपी परिहार का यह निरीक्षण और रणनीतिक संवाद न केवल जवानों का मनोबल बढ़ाने वाला रहा, बल्कि नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा नीति को और सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।