UNITED NEWS OF ASIA. राजनीति से जुड़े लोगों का यही सपना होता हैं किउसकी सत्ता बरकरार रहे और उसे कुर्सी पर बैठने का
मौका मिल जाये, खासकर यह सपना वे लोगज्यादा
देखते हैं जो प्रत्यक्ष रूप से राजनीति से जुड़े हो, किसी न किसी पार्टी से ताल्लुक रखते हो, निष्ठा रखते हो, भले यह निष्ठा देशहित या जनहित से जुड़ा न हो ? अभी हाल ही में इस वर्ष 2023 के अंतिम माह में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संपन्न होने वाला हैं, अचार सहिंता लगने में भी कुछ महीने ही बचे हैं, ऐसे में अभी से विधायक बनने का सपना देखने वालों की कतार बड़ी लंबी हैं, चाहे किसी भी पार्टी की बात करें सभी में पार्टी की ओर से विधानसभा प्रत्याशी बनने वालों की लंबी लिस्ट हैं। परंतु मुंगेली जिले की विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर अलग ही माहौल बना हुआ हैं। जिले में चर्चा हैं कि 2 प्रमुख पार्टियों में जो विधायक प्रत्याशी बनने दावेदारी कर रहे हैं वे कईयों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं, मतलब दावेदारी करने वालों में कई व्यापारियों के देनदार हैं, तो कई पत्रकारों के विज्ञापनों के देनदार…। कुछ तो अपनी राजनीतिक शाख के दम पर कई व्यापारियों से उधार में समान तो ले लिये हैं, परंतु लंबे समय बाद भी उनका भुगतान नहीं किया गया, ऐसे ही टिकट की चाह रखने वाले ऐसे कई नेता हैं जो फेमस होने, और अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने समय- समय और विभिन्न अवसरों पर अखबारों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व वेब पोर्टल न्यूज़ में विज्ञापन तो लगवा लेते हैं परंतु महीनों वर्षों तक उनका भुगतान नहीं किया जाता, साथ ही ऐसे कर्जदार नेता व टिकटार्थी फोन भी नहीं उठाते, ऐसे कर्जदारों व डिफॉल्टरों की सूची तैयार हुई है, जिसमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं, कुछ बड़े पदों पर भी आसीन हैं। उक्त मामले को लेकर 3 पत्रकार संगठनों ने दोनों प्रमुख पार्टियों के ऐसे टिकट मांगने वाले कर्जदार नेताओं की लिस्ट पार्टी के आलाकमान को भेजने की तैयारी कर ली हैं, क्योंकि अगर इन कर्जदार नेताओं को टिकट मिलता हैं तो उनका जीतना बेहद मुश्किल हैं। क्योंकि बड़ा व्यापारी वर्ग और पत्रकार वर्ग ऐसे कर्जदार टिकटार्थियों से त्रस्त और नाराज हैं जिसके दुष्परिणाम चुनाव में दिख सकते हैं। टिकट के लिए जीभ लपलपाने वाले कुछ तथाकथित जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और नेता भी शामिल हैं, जो कमीशनखोरी में आकंठ डूबे हुए हैं, इसके साथ-साथ पार्टी हित के बहाने जमकर चंदाखोरी भी की हैं, और चंदाखोरी के उस जमापूंजी से ही अभी मुंगेली विधानसभा में व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ण करते हुए स्वयं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा हैं। पार्टी आलाकमान से लिखित शिकायत होने के बाद उनके लिस्ट पत्रकारों द्वारा सार्वजनिक भी किया जाएगा।
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