खेती किसानी के लिए 28979.10 मीट्रिक टन जैविक और रसायनिक खाद हुआ उठाव
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा,। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस वर्ष किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल और 28 सौ रूपए धान की खरीदी करने के घोषणा के बाद जिले के किसानों में धान फसल और अन्य फसलों के बदले लघु धान्य फसल कोदो-कुटकी और रागी की खेती का रकबा बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा जिले के अधिक से अधिक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ दिलाने के लिए धान के बदले अन्य फसल, लघु धान्य फसल और सुगंधित धान के रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा जिले के किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के लिए 450 करोड़ रूपए का कृषि ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें नगद 270 करोड़ रूपए और खाद-बीज उवर्रक वस्तु 180 करोड़ रूपए के ऋण शामिल है। अब तक जिले में किसान क्रेडिट के माध्यम से अब तक 64 हजार 554 किसानों ने लिए खेती किसानी के लिए 359 करोड़ 68 लाख रूपए का ऋण जारी उपलब्ध कराई गई है। वहीं किसानों द्वारा खेती किसानी के लिए 28979.10 मीट्रिक टन जैविक और रसायनिक खाद हुआ उठाव कर लिया गया है।
कलेक्टर महोबे के निर्देश पर जिले के प्राथमिक सेवा सहकारी समितियो के माध्यम से पंजीकृत किसानों को खेती-किसानी कार्य के लिए नगद और खाद बीज के माध्यम से ऋण उपलबध कराया जा रहा है। कलेक्टर महोबे ने जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023 की तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कृषि विभाग, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारियों से खेती-किसानी की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी भी ली। कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है। जिले के सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। उन्होने कृषि विभाग के अधिकारी को न्याय योजना का लाभ दिलाने के लिए किसानों का पोर्टल में पंजीयन कराने के लिए निर्देशित किया है।
जिले में 28979.10 मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव
कलेक्टर महोबे ने जिले के किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से खाद-बीज के उठाव, भण्डारण की विस्तार से जानकारी ली। कृषि विभाग के उपसंचालक राकेश शर्मा ने बताया कि सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से जिले के किसानों द्वारा अब तब 28979.10 मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की तैयारियां किसानों द्वारा लगभग पूरी कर ली गई है।
जिले के डबल लॉक, सभी सेवा सहकारी समितियों और निजी कृषि केंद्रों में कुल यूरिया 18694.30 मीट्रिक टन, डी.ए.पी. 12820.30 मीट्रिक टन, एस.एस.पी. 12198.70 मीट्रिक टन, एम.ओ.पी 1993.50 मीट्रिक टन और एन.पी.के. 1531.00 मीट्रिक टन, कुल 47237.80 मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कराया जा चुका है, जिसमें से जिले के 03 डबल लाक केंद्रों में भी 5240 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। सेवा सहकारी समितियों में मांग अनुसार पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का भंडारण किया जा चुका है। जिसके विरूद्ध जिले में अब तक सहकारी एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से कुल यूरिया 12836.13 मीट्रिक टन, डी.ए.पी. 7857.38 मीट्रिक टन, एस.एस.पी. 6605.80 मीट्रिक टन, एम.ओ.पी 1199.89 मीट्रिक टन एवं एन.पी.के. 479.90 मीट्रिक टन, कुल 28979.10 मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका है।
किसानों को ऋण स्वीकृत करने में कोई समस्या ना आए- कलेक्टर
कलेक्टर जनमेजय महोब ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले के पंजीकृत किसानों को उन्हे कृषि ऋण नगद एवं समाग्री लेने के कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। नोडल अधिकारी आरपी मिश्रा ने बताया कि जिले में सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों को उनके मांग के अनुरूप कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वर्ष किसानों को खाद-बीज नगद सहित 450 करोड़ रूपए का ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित हैं, इसमें नगद ऋण 270 करेड़ रूपए और वस्तु 180 करोड रूपए शामिल है। लक्ष्य को पूरा करते हुए किसानों को खेती-किसानी के लिए ़ऋण स्वीकृत की जा रही है। अब तक 64 हजार 554 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 359 करोड़ 68 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत किया गया है, जिसमें 32 करोड़ रूपए के खाद-बीज समाग्री शामिल है।