
स्मिता पाटिल (Smita Patil-Shabana Azmi) का जन्म पूर्वजों में हुआ था। उनके पिता पॉलिटिशियन और मां सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वो बचपन में ही ड्रामा करने लगे थे। वे बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पढ़ाई का हिस्सा थे और तब ग्लोबल थिएटर ग्रुप भी थे। वो फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के कैंपस में काफी समय बिताते थे। उन्होंने 70 के दशक में करियर की शुरुआत टीवी पर न्यूज रीडर से की। श्याम बेनेगल ने उन्हें खोजा और अपनी फिल्म में काम किया। वो दिन दूसरी और रात चौगुनी अंपायर पा रहे थे। वो न सिर्फ अभिनय करने में थीं, बल्कि अपनी फिल्मों से जुड़ी गंभीर समस्याएं भी सामने आती थीं। इसी दौरान शबाना आजमी भी नाम कमा रही थीं।
‘अर्थ’ फिल्म के साथ काम किया था
स्मिता और शबाना ने 1982 में रिलीज़ हुई ‘अर्थ’ फिल्म के साथ काम किया था। महेश भट्ट की इस फिल्म में दो औरतों की कहानी दिखाई गई थी। कहते हैं कि इसमें महेश और परवीन बाबी की कहानी दिखाई दी थी। फिल्म में दोनों ही एक्ट्रेसेस ने शानदार एक्टिंग की थी।
46 साल पहले साथ में कान्स भी आए थे

कान फिल्म फेस्टिवल में स्मिता और शबाना
बॉलीवुड में 70 और 80 के दशक की नंबर वन अभिनेत्रियों में से एक शबाना और स्मिता के साथ कान फिल्म फेस्टिवल में भी थीं। शबाना ने करीब 46 साल पहले सोशल मीडिया पर खुद की तस्वीर शेयर की थी। राइटिंग में लैकटक में थे। इस तस्वीर को काफी पसंद किया गया था।
शबाना और स्मिता के बीच क्यों था अनबन?

शबाना और स्मिता
शबाना आजमी ने एक बार खुलासा किया था कि उनकी स्मिता पाटिल से पटती क्यों नहीं थी। उन्होंने कहा था कि उनकी और स्मिता की दृष्टि लगभग एक जैसी थी। दोनों को ही श्याम बेनेगल ने लॉन्च किया था। दोनों के ही पैरेंट्स समाजवादी आंदोलन से जुड़े थे। जब दोनों ‘अर्थ’ फिल्म में काम कर रहे थे, तब महेश भट्ट से स्मिता काफी नाराज हो गई थीं, क्योंकि फिल्म में एडिटिंग के दौरान उनके कई सीन काट दिए गए थे। पहली वजह से उनकी पहचान का महत्व कम हो गया था। बताया जाता है कि स्मिता को लगा था कि महेश और शबाना की अच्छी दोस्ती है, इसलिए उनके साथ ऐसा किया गया। इस विवाद के कारण स्मिता और महेश के बीच बातचीत बंद हो गई थी। वहीं, शबाना और स्मिता एक-दूसरे को देखने तक पसंद नहीं करतीं।
शबाना हुआ था

फिल्म में शबाना और स्मिता
आपको जानकर हैरानी होगी कि शबाना और स्मिता की फैमिली का आपमें रिलेशन बहुत अच्छा था, लेकिन वो एक-दूसरे से द्वेष करती थीं। इसे लेकर बाना ने स्मिता की मौत के बाद कहा था कि उन्होंने बहुत गलतियां की थीं। वो और स्मिता अच्छे दोस्त बन सकते थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने स्मिता के लिए कडवे शब्द बोले थे, जिसके लिए मैं बहुत ज्यादा शर्मिंदा हूं।’ मुझे लगता है कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है। मुझे ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। हालांकि, मीडिया ने उनकी बातों को बढ़ाया-बढ़ाकर दिखाया गया था।’
स्मिता की मौत कैसे हुई?
स्मिता ने 13 दिसंबर 1986 को हज 31 साल की उम्र में दम तोड़ दिया था। उनकी मृत्यु बर्थ कॉम्प्लिकेशंस की वजह से हुई थी। उन्होंने 15 दिन पहले बेटे के प्रतीक को जन्म दिया था, लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं थी। मरने से कुछ घंटे पहले वो पति राज बब्बर के साथ एक कल्पना में जाना चाहता था, लेकिन राज ने उन्हें मना कर दिया। वो पूर्वस्कूली गए और जब लौटे तो देखा कि स्मिता का चेहरा पीला पड़ गया है। वो खून की उल्टियां कर रही थीं। जब तक उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक वो कोमा में जा चुकी थीं। डॉक्टर उन्हें नहीं बचा पाए। ये भी कहा जाता है कि अगर स्मिता का सही समय पर इलाज होता है तो उनकी जान बच सकती है।
राज ने स्मिता के लिए पहली बीवी को छोड़ा था
स्मिता पाटिल एक्टिव फ़ेमिनिस्ट थीं और मुंबई में वुमेन सेंटर की बर भी थीं। उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए महिलाओं को दिखाने की कोशिश की थी। वो चार्ट भी करती थीं। उन्होंने अपनी पहली राष्ट्रीय करोड़ों की जीत को चैरिटी में दान किया था। उनकी और राज बब्बर की पहली मुलाकात 1982 में ‘भीगी पलकें’ के सेट पर हुई थी। समझौते से दोनों के बीच रोमांस शुरू हुआ, जबकि राज पहले से शादीशुदा थे। उन्होंने स्मिता के लिए पत्नी नादिरा बब्बर को छोड़ दिया था। इस वजह से दोनों स्टार्स की काफी आवोचना हुई थी।
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