
सांकेतिक तस्वीर
सिंगापुर भारत के साथ काम करने को इच्छुक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की आकांक्षा दुनिया भर में जमकर हो रही है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइझिम) तक भारत के इस मिशन की उम्मीदें भर चुके हैं। अब सिंगापुर भी भारत के डिजिटल इंडिया मिशन का दीवाना हो गया है। सिंगापुर भारत से डिजिटल क्षेत्र में सहयोग चाहता है और वह मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर कर रहा है। भारत के डिजिटल मिशन से सिंगापुर बहुत प्रभावित हुआ है।
अब सिंगापुर भी आधारित जैसी राष्ट्रीय पहचान प्रणाली की तर्ज पर सार्वजनिक संरचना रूपरेखा क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग पर विचार कर रहा है। सिंगापुर के सेंट्रल बैंक के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सिंगापुर लिपिक प्राधिकरण (एमएएस) के मुख्य वित्तीय प्रौद्योगिकी अधिकारी सुपनेंदु मोह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”एक और ज़िज़ा अवसर सिंगापुर के ‘प्रॉक्सटेरा’ (एमएसएमई समझौते तंत्र का वैश्विक डिजिटल केंद्र) भारत के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ) के साथ एकीकरण का हो सकता है।” उन्होंने कहा कि भारत उन्नत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डी व्याकरण) में एक प्रौद्योगिकी महाशक्ति है। ऐसे में यह हमारे लिए गठबंधन की दृष्टि से एक मानदंड हो सकता है।
भारत के प्रयास सिंगापुर पर होंगे
हम भारत में आधार के समानताएं अपनी राष्ट्रीय पहिचानता लिंक्स के संबंधों में सहयोग के विवरण हैं। मोहंती ने कहा, ”प्रॉक्सटेरा को भारत के ओएनडीसी से जोड़ने और संभावना हो सकती है, जिससे दोनों देशों के छोटे कामकाज के लिए सीमा पार अवसर बनेंगे और उन्हें वित्तीय रूप से अधिक अधिकार दिया जा सकेगा।” वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पूर्व में कहा गया था कि ओएनडीसी, संयुक्त संयुक्त शेयरधारकों के वीडियो (यू विवरण) की तरह भारत और विदेश में ई-कॉमर्स क्षेत्र को बदल सकते हैं। मोहंती हाल में कोलकाता में आयोजित G20 के वित्तीय समावेशन के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप मीटिंग में प्रतिनिधियों का हिस्सा थे।



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