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एक बार फिर से COVID का खतरा सामने आ रहा है। कोविड के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। चीन से रोज कई लोगों के मरने या फिर संक्रमण की चपेट में आने की खबरें आ रही हैं। जिसने और चिंता बढ़ाई है। जिन लोगों को टीका नहीं लगाया गया है या किसी भी स्थिति में बीमारी संबंधी क्षमता कमजोर है जैसे बुजुर्ग और बच्चों को इस संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा है। नए साल के रंग में भंग न हों, इसके लिए जरूरी है वायरस (कोरोनावायरस को कैसे रोकें) से बचाव की सही रणनीति अपनाना।
COVID का ये नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का म्यूटेंट है और सभी COVID वैरिएंट में सबसे अधिक ट्रांसमिसिबिलिटी में से एक है। अनुसंधान के अनुसार उत्परिवर्ती का R0 मान लगभग 10-18.6 है। इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति अपने आसपास के 10-18 लोगों को लाइक कर सकता है।
भारत में ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7
अब तक ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7 के कुल 5 मामले (BF.7 Cases in India) भारत में सामने आ चुके हैं। गुजरात बायोटेक्नोलोजी रिसर्च सेंटर अक्टूबर में BF.7 के पहले मामले का पता चलने के बाद, उसी महीने एक और मामला भी सामने आया था और नवंबर में सबवेरेंट का तीसरा मामला सामने आया था। अब तक भारत में इसके कुलों की संख्या 5 हो चुकी है।
BF.7 ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से संक्रमण को फैलता है, इसकी इन्क्यूबेशन अवधि कम है, और यह लोगों को आसानी से पहचानता है।
यह भी पाया गया है कि यह भिन्न लोगों को भी प्रभावित कर रहा है, सत्य टीकाकरण विफल हो जाता है।
क्या है ठोस के भिन्न BF.7 के लक्षण
BF.7 के संक्रमण के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सबवेरिएंट के संक्रमण के समान हैं। इसमें सांस लेने में तकलीफ संबंधी लक्षण भी शामिल हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में दवा, नाक बहना और थकान हो सकता है। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त जैसे इंस्टेंट टेस्टाइनल लक्षण भी हो सकते हैं।
भीड़ में वृद्धि इसका जोखिम हो सकता है
अगर आप क्रिसमस या नए साल की पार्टी में शामिल होने का मन बना रहे हैं, तो इसे अभी तक सुरक्षित रखें। छिपने से बचने के लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण जोखिम, लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।
इसके अलावा चश्मा लगाना और खुराक खुराक लेना भी जरूरी है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल के अनुसार, अभी तक भारत की 27-28% आबादी ने ही कोविड-19 की स्टेटमेंट डोज ली है। वैक्सीन टीकाकरण और दस्तावेज सबवैरिएंट्स की जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।
टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण पर ध्यान दें
नए साल के सेलिब्रेशन में कम रोग संबंधी क्षमता वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें उचित स्वच्छता बनाए रखें। टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण ओमिक्रॉन बीएफ.7 संस्करण के जोखिम को कम करने के लिए एक और तरीका है।
ओमिक्रॉन सबवैरिएंट BF.7 से घर पर किस तरह से बचा जा सकता है ये जानने के लिए हमने बात की डायटीशियन शीनम नारंग से। शीनम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे पहले आहार पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। साथ ही वे उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी बता रहे हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ प्रतिरक्षा अनुपात में सहयोग कर सकती हैं
1 जुड़ें गिलोय का काढ़ा
यह जड़ी बूटी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (प्रतिरक्षा प्रणाली) को सक्रिय करती है। दिन में दो बार अपने आहार में गिलोय का रस या काढ़ा शामिल करें, इससे आपकी रोग संबंधी क्षमता में सुधार हो सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
गिलोय का रस आपकी त्वचा को भी डिटॉक्स करता है और आपकी त्वचा में निखार लाता है। गिलोय के लिवर की बीमारियाँ और दिल से संबंधित उपयोग के लिए भी किया जाता है।
पवित्र तुलसी एक प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली सूक्ष्म के रूप में काम करती है और संक्रमण को दूर करती है। यह वायरस, बैक्टीरिया, बैक्टीरिया और प्रोटोजोआ से होने वाले लगभग सभी संक्रमणों से बैक्टीरिया है। तुलसी के पत्ते का अर्क टी हेल्पर संघ और प्राकृतिक किलर सेल की पूर्ति करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।
मोरिंगा न केवल बैक्टीरिया, फंगस, वायरस और पैरासाइट सहित रोगजनकों को खत्म कर सकता है, बल्कि ग्रहणी, अल्सरेटिव कोलाइटिस और मेटाबोलिक रोग जैसी पुरानी सूजन को भी कारण बनता है। मोरिंगा आयरन और विटामिन से भी भरपूर है जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज को जिम्मेदार ठहराते हैं।
4 आहार में करें हल्दी शामिल
हल्दी एक लोकप्रिय एंटी-इंफ्लेमेटरी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) एजेंट और एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट है। यह संक्रमणों, बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (प्रतिरक्षा प्रणाली) के कार्यों को मजबूत और बेहतर बनाता है
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