कबीरधामछत्तीसगढ़

सावन में श्रद्धा की गूंज: कवर्धा से अमरकंटक तक बोले बम-बम, उपमुख्यमंत्री ने दिए पुख्ता इंतजाम के निर्देश

श्रद्धा, सेवा और शिवभक्ति का संगम — 11 जुलाई से शुरू होगी भव्य कांवड़ यात्रा

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। पवित्र सावन मास इस वर्ष 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और प्रथम सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा। इस अवसर पर पूरे छत्तीसगढ़ से हजारों श्रद्धालु अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर 180 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा कर कबीरधाम जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों — जलेश्वर महादेव, भोरमदेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव — में जलाभिषेक करेंगे। इस ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा को भव्य और व्यवस्थित रूप देने के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में तैयारियां जोरों पर हैं।

भक्ति, आस्था और व्यवस्था का अद्भुत संगम

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कवर्धा प्रवास के दौरान जिला कार्यालय में बैठक लेकर कांवड़ यात्रा की समस्त तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट, बोलबम समिति, ज्वाइंड हैंड्स, सामाजिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने साफ-सफाई, चिकित्सा, सुरक्षा, पेयजल, बिजली, यातायात और ठहराव स्थलों की व्यवस्था को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।

अमरकंटक से कवर्धा तक सेवा और समर्पण की मिसाल

विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से अमरकंटक में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए 5 एकड़ भूमि प्राप्त हुई है, जहाँ भविष्य में सुविधायुक्त भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता की मिसाल है।

प्रशासन ने कसी कमर, सुविधा से भरपूर होगी पदयात्रा

श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु कवर्धा से अमरकंटक तक सभी प्रमुख मार्गों पर पेयजल, शौचालय, चिकित्सा, विद्युत और ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। ग्राम लमनी और खुड़िया में वाटरप्रूफ टेंट लगाए जाएंगे। पंडरिया, पोलमी, डोंगरिया, खड़ौदा, सिल्हाटी, पोड़ी सहित अन्य स्थलों पर स्कूलों और पंचायत भवनों में रात्रि विश्राम, पानी और स्वच्छता की व्यवस्था होगी।

सेवा भाव से जुड़ें सामाजिक संगठन और युवा

उपमुख्यमंत्री ने एनसीसी, एनएसएस, स्काउट, रेडक्रॉस, नेहरू युवा केंद्र, स्वामी विवेकानंद एकेडमी, ज्वाइंड हैंड्स जैसी संस्थाओं से समन्वय कर युवाओं को सेवा कार्यों में सहभागी बनने का आग्रह किया है। साथ ही, सावन माह के लिए अस्थायी बस परमिट जारी करने, बाइक एम्बुलेंस और निजी अस्पतालों से सहयोग लेने के निर्देश भी दिए।

14 जुलाई को भव्य भोरमदेव पदयात्रा का आयोजन

सावन के प्रथम सोमवार 14 जुलाई को भव्य भोरमदेव पदयात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा सुबह 7 बजे बूढ़ा महादेव मंदिर से शुरू होकर भोरमदेव मंदिर पहुंचेगी। पदयात्रा मार्ग में स्वागत द्वार, पेयजल, आपात चिकित्सा, पार्किंग, सफाई और निःशुल्क वापसी बसों की व्यवस्था रहेगी। उपमुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस भक्ति यात्रा में भाग लेकर आयोजन को गरिमामयी बनाएं।

श्रद्धा और शक्ति का 180 किलोमीटर लंबा सफर

अमरकंटक से मां नर्मदा का जल लेकर निकलने वाले कांवरियों का पहला पड़ाव जलेश्वर महादेव होता है, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं। इसके बाद भोरमदेव मंदिर और अंत में पंचमुखी बूढ़ा महादेव में जल अर्पण कर शिव आराधना की जाती है। जंगल, पहाड़ और पथरीले रास्तों से गुजरती यह पदयात्रा छत्तीसगढ़ की आस्था, परंपरा और सेवा भावना का अद्भुत परिचय देती है।

 


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