UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। सावन माह में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक का अपना अलग ही महत्व है। इसके चलते श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ अलग-अलग स्थानों से जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। इसी कड़ी में धर्मनगरी कवर्धा से शिवभक्त तुकाराम चन्द्रवंशी के साथ 32 शिवभक्तों ने श्रावण मास के अवसर पर गत दिनो काशी विश्वनाथ में जलाभिषेक किया।
इसके बाद इन शिवभक्तों ने सुल्तानगंज से पवित्र गंगा जल लेकर 120 किलो मीटर की कांवर यात्रा कर देवघर नगरी बाबा बैजनाथधाम पहुंचे और बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद बाबा वासुकीनाथ में भी जलाभिषेक कर वे वापस धर्मनगरी कवर्धा पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि कांवड़ यात्रा जीवन यात्रा का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य अनुशासन, सात्विकता और वैराग्य के साथ ईश्वरीय शक्ति से जुडऩा है। ऐसा माना जाता है कि कांवड़ यात्रा से संकल्प शक्ति के साथ आत्मविश्वास जागृत होता है। शिव शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं, कांवर उठाने वाले कांवरिया कहलाते हैं, जो एक बांस की डण्डी और उससे जुड़े दो पात्र में पवित्र जल भरकर शिव का जयघोष करते हुए पैदल अपने घर से शिवजी को जल चढ़ाते हैं।
पुराणों व शास्त्रों में बताया गया है कि कांवड़ यात्रा करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
उक्त कांवड़ यात्रा में रवि शर्मा, नीलमणी,मोहपाल सिंह ठाकुर अनिल वर्मा,लोकेश देवांगन,गुड्डू जायसवाल,सुरेंद्र वैष्णव, धरम आहूजा,प्रफुल्ल चंदेल,बिजेंद्र भारती,राकेश चंद्रवंशी आशीष चंद्रवंशी, विशू चंद्रवंशी, दीनानाथ चंद्रवंशी,मनोज तिवारी,मनोज गुप्ता,तुलसी राजपूत,विश्वजीत सोनी,सोनू गुप्ता,रविशंकर ठाकुर,अवधेश ठाकुर,प्रदीप सोनी,गजेंद्र चंद्रवंशी…