
पटना: बिहार का सबसे पुराना तेताना स्थित बांकीपुर स्थित महिला उच्च विद्यालय की स्थापना शनिवार को 130 साल हो गई। इस स्कूल से पास आउट छात्राओं ने स्कूल में शनिवार को जमकर मस्ती की। इसमें सुप्रसिद्ध लोक सनदा सिन्हा भी शामिल हुआ। इसके अलावा कई हस्ती बांकीपुर स्कूल (बांकीपुर महिला हाई स्कूल) में एलुमनाई मीट (पूर्व छात्रों की बैठक) का आयोजन किया गया था। इस लोक चक्कर के दौरान सिन्हा सिन्हा (शारदा सिन्हा) ने कहा कि मैं शरारत करते हुए भी गाना गाकर शिक्षकों को रीझा करता था और मैं पीटकर बच जाता था।
बांकीपुर स्कूल एलुमनाई मीट का मामला सामने आया है
बांकीपुर स्कूल में शनिवार को एलुमनाई मीट कार्यक्रम का खुलासा हुआ था। इस समारोह में 30 साल 40 साल पहले जो होस्टेस पास आउट हो गए थे, लगभग सभी जुडी हुई थी। सभी महिलाएँ वर्ष 1970 से लेकर 1985 के बीच स्कूल में पहुँच रही थीं। इस घटना में शामिल हुए सभी ने अपने पुराने दिनों को याद कर काफी खुश दिख रही थी। वही, वहां पहुंचें सिन्हा ने कहा कि वो समय कुछ और था। हम लोग पढ़ाई भी करते थे और शिक्षकों से भी पढ़े-लिखे थे। मैं उस समय हॉस्टल में रहता था। इसके साथ ही मैं खूब शाररत भी करती थी। हालांकि मेरी अन्य सहेलियों की पिटाई होती थी, लेकिन मैं पिटाई से बच जाती थी। मुझे गाने का शौक बचपन से था।
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’10 पैसे का इमली खाते थे’
पूर्व की पत्नी मुनमुन सिंह ने बताया कि मेरे पति पायलट हैं और मैं गृहिणी हूं। लेकिन मैं अपने स्कूल के दिनों को हमेशा याद करता हूं। एक साल पहले इस प्रोग्राम की छाया डाली गई थी। उस समय मैं काफी खुश हुई थी। आज एक सुनहरा मौका मिला है, जब हम सभी सहेलियां एक साथ स्कूल में पहुंचती हैं और पुराने दिनों को याद कर रही हैं। स्कूल से मिली ही 10 पैसे की इमली लेते थे और नमक के साथ हम सभी सहेलियां चौंधिया गई थीं। वहीं, पूर्व होस्ट सुषमा झा जो अभी संस्कृत कॉलेज के प्रोफेसर हैं, उन्होंने बताया कि मैं इस स्कूल के छात्रावास में रह रही थी, लेकिन अभी के समय में शिक्षा का स्तर गिर गया है। हम लोग के समय में सरकारी स्कूलों में पढ़कर कोई डॉक्टर तो कोई इंजीनियर और बड़े-बड़े अधिकारी महिलाएं बनी हुई हैं।
बिहार में यह पहला बालिका उच्च विद्यालय था
बता दें कि पूर्व विद्यालय के बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय की स्थापना 17 संबद्धता 1952 में हुई थी। उस समय स्कूलों में लड़कियां बहुत कम देखी जाती थीं, उस समय बिहार में यह पहला बालिका उच्च विद्यालय था। इतिहासकार छात्र हैं कि केवल 10 छात्राओं के स्कूल की शुरुआत हुई थी, लेकिन 16 दिनों में 32 होस्ट हो गई थीं और धीरे-धीरे छात्राओं की संख्या बढ़ती गई। एक बार ऐसा भी था, जब इस स्कूल में कथित तौर पर लोगों को काफी परेशानी हुई थी।



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