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ज्योतिष शास्त्र के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के उस जमाने के माखौल उड़ाया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि जाति व्यवस्था ‘पंडितों’ ने दर्ज की है। सरस्वती ने तर्क से बातचीत में कहा कि आरएसएस प्रमुख के बयानों से उनकी छवि ठीक होने से परे खराब हुई है और यहां तक मजाक भी बहुत बुरा होगा।
भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर शंकराचार्य ने कहा,”देते से अपार ज्ञान प्राप्त हुआ है। आपने शोध किया है…क्या शोध? आप बताएं। हमने भागवद गीता में पढ़ा है…भगवान कृष्ण ने कहा है कि वे चार वर्ण बनाते हैं।”
उन्होंने कहा,” (भागवत) कह रहे हैं कि भगवान ने यह नहीं बनाया है। उन्हें पंडितों ने बनाया है। फिर आप कहते हैं कि पंडित का अभिप्राय विद्वान है न कि ब्राह्मण। अगर विद्वानों ने अगर कुछ कहा है तो फिर आप नकार क्यों रहे हैं।”
जब पूछा गया कि भागवत को क्या जोक मांगनी चाहिए तो शंकराचार्य ने कहा कि इससे कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि पहले ही उनकी बहुत आलोचना हो चुकी है। जुड़ब है कि गत रविवार को भागवत ने रविदास जयंती पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि ईश्वर के सभी समान हैं लेकिन पंडितों ने जाति व्यवस्था बनाई है।