
UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा | बेमेतरा जिले के नवागढ़ ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मनोधरपुर से एक हृदयविदारक तस्वीर सामने आई है, जो शासन-प्रशासन के विकास के तमाम दावों की सच्चाई उजागर करती है। बारिश के बीच एक महिला की अंतिम यात्रा तब और भी दुखद बन गई, जब गांव के मुक्तिधाम में शेड नहीं होने के कारण शव को तिरपाल से ढक कर अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करनी पड़ीं।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे बारिश में भीगते परिजन, शव को तिरपाल से ढककर जैसे-तैसे चिता सजा रहे हैं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। यह दृश्य न केवल गांववालों की पीड़ा, बल्कि विकास की हकीकत भी बयां करता है।
विकास के वादे हुए बेनकाब
गौरतलब है कि पिछले वर्ष ग्राम चमारी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने वहां शेड निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की थी। लेकिन अब मनोधरपुर की यह तस्वीर दिखाती है कि हालात अब भी नहीं बदले हैं। नवागढ़ विधानसभा को लंबे समय से मंत्री पद मिलता रहा है, लेकिन अंतिम संस्कार जैसे बुनियादी अधिकार भी यहां अब तक अधूरे हैं।
प्रशासन ने ली गंभीरता से संज्ञान
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर रणबीर शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि:
“मनोधरपुर के मुक्तिधाम में जल्द ही शेड निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा जिन अन्य गांवों में अभी तक शेड नहीं बने हैं, वहां भी मनरेगा के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जाएगा।”
– रणबीर शर्मा, कलेक्टर बेमेतरा
अब सवाल यह है:
क्या प्रशासन इस बार वास्तव में ठोस कार्रवाई करेगा, या फिर अगली बारिश में किसी और गांव से ऐसी ही तस्वीरें हमें शर्मसार करती रहेंगी?
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि जब अंतिम यात्रा में भी सम्मान नहीं मिल पा रहा, तो फिर विकास की बातें किस मुंह से की जा रही हैं?
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