UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में PHD की एक छात्रा को वॉट्सऐप पर उसकी न्यूड फोटो भेजी गई। उसके साथ मैसेज भेजा गया कि तुम्हारा दोस्त लोन की किश्त नहीं चुका रहा है। वह लोन की किश्त नहीं देगा तो तुम्हारी अश्लील फोटो वायरल कर देंगे। इसके बाद छात्रा कोनी थाना पहुंची और FIR दर्ज कराई।
दरअसल, छात्रा के साथ पढ़ने वाले एक युवक ने किसी मनी लेंडिंग मोबाइल ऐप से लोन लिया था। छात्रा ने बताया कि वह लोन की किश्त जमा नहीं कर रहा है। ऐसा ही मामला करीब एक माह पहले कांकेर में भी सामने आया था। मनी लोन ऐप कर्मचारी की प्रताड़ना से तंग आकर व्यवसायी युवक ने खुदकुशी कर ली थी। आरोपियों ने युवक की एडिटेड अश्लील फोटो उसके दोस्तों को भेज दी थी।
जानिए छात्रा के साथ क्या हुआ…
छात्रा ने शिकायत में बताया है कि, वह यूनिवर्सिटी से PHD कर रही है। रविवार सुबह मोबाइल पर अनजान नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई। उसने रिसीव नहीं किया। थोड़ी देर बाद उसी नंबर से छात्रा के मोबाइल पर मैसेज आया। उसके साथ छात्रा की एडिटेड न्यूड फोटो भी।
मैसेज में धमकी दी गई थी कि, अपने दोस्त को कॉल कर लोन पेमेंट करने के लिए बोलो। नहीं बोलोगी तो तुम्हारे ये फोटो वायरल कर दूंगा, जिससे तुम्हारी बदनामी होगी। छात्रा ने पुलिस को बताया कि, उसके साथ-साथ, झारखंड की रहने वाली उसकी एक अन्य सहपाठी को भी कॉल कर धमकी दी।
आरोपी ने कहा कि, उसके आधार और पैन कार्ड की डिटेल है। उसका भी फोटो एडिट कर वायरल कर दूंगा। इसके बाद छात्रा के कॉन्टैक्ट लिस्ट का स्क्रीन शॉट लेकर भी भेजा और इन सभी को वायरल करने की धमकी दी।
इससे पहले कांकेर में कारोबारी ने दी थी जान
ऐसा ही मामले में कांकेर के भानुप्रतापपुर में एक कारोबारी युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। युवक का शव उसकी दुकान से 3 किलोमीटर दूर फांसी पर लटका मिला था। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें युवक ने कर्ज के दलदल में फंस जाने के कारण सुसाइड करने की बात लिखी थी। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने कारोबारी युवक की एडिटेड अश्लील फोटो वायरल कर दी थी।
RBI ने ऐसे लोन देने वाले ऐप से किया है सावधान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फटाफट लोन देने वाले डिजिटल मनी लेंडिंग मोबाइल ऐप्स से सावधान रहने की अपील कर चुका है। इन ऐप्स से जुड़े करोड़ों रुपए के घोटाले सामने आए हैं। इस तरह के ऐप्स के जरिए कई कंपनियां लुभावनी ब्याज दर पर बहुत ही कम समय में लोन देने का वादा करती हैं। बाद में बकाया रकम की वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती करती हैं। कोरोना के दौर में आर्थिक मुश्किलों से गुजर रहे लोगों के बीच इस तरह की सेवाओं की लोकप्रियता बढ़ गई थी।
- लोग फटाफट लोन के चक्कर में डिजिटल फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं। इसलिए मोबाइल ऐप्स के जरिए लोन न लें, क्योंकि आपके डॉक्यूमेंट्स के साथ फर्जीवाड़ा किया जा सकता है।
- लोन देने वाली कंपनियों का अगला-पिछला रिकार्ड जरूर चेक कर लें। ऐसी कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूलती हैं, साथ ही इनमें कई तरह के छिपे हुए चार्ज होते हैं, जो ग्राहकों को शुरू में पता नहीं होते।
- ग्राहकों को कभी भी अपने KYC दस्तावेज की कॉपी बगैर पहचान वाले व्यक्ति, अपुष्ट/अनधिकृत ऐप को नहीं देना चाहिए।
इस तरह के फ्रॉड के खिलाफ कहां करें शिकायत?
- इस तरह के ऐप्स और बैंक खाते की शिकायत ग्राहक ऑनलाइन कर सकते हैं। इस ऑनलाइन पोर्टल का नाम सचेत है।
- इस ऑनलाइन लिंक https://sachet.rbi.org.in/ पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं।
कैसे पता करें कि फर्जी लोन दिया जा रहा है?
- RBI के मुताबिक सभी डिजिटल लेंडिंग ऐप्स को उस बैंक या एनबीएफसी (NBFC) का खुलासा ग्राहकों के सामने करना चाहिए, जिनके माध्यम से वे लोन देने का वादा करते हैं।
- रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर्ड NBFC का नाम और पता किया जा सकता है। पोर्टल के जरिए से इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।