जेल में प्रचार करने वाले कट्टरवाद को लेकर सेंटर सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से चिट्ठी लिख कर कहा कि जेल के अंदर कट्टरवाद की विचारधारा फैलाने वाले कैदियों को अलग-अलग जेल में रखें। सरकार का कहना है कि कट्टरवादी बंदियों के अन्य बंदियों पर प्रभाव न पड़े और साथ ही साथ जेल के भीतर नकारात्मकता नहीं आई, इसलिए उन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से राज्य सरकार और अधिकार अधिकार प्रदेश के जेल अधिकारियों को चिट्ठी लिखी गई है। जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि कटटरपंथी विचारधारा फैलाने वाले कैद के लिए अलग-अलग बैरक का अधिकार रखते हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि किसी एक तरह की नकारात्मकता नहीं आई है, इसलिए कट्टरवादी प्रतिबंधों के लिए अलग जल की व्यवस्था की जाए।
विशेष अपराध वाले बंदियों के लिए भी अलग-अलग जेल
साथ ही साथ अमित शाह ने अपनी चिट्ठी में यह भी जोर दिया कि विशेष अपराध वाले कैद जैसे ड्रग्स और उनकी तस्करी में गिरफ्तार किए गए कैद के लिए अलग जेल की व्यवस्था की जाए, उन्हें आम प्रतिबंधों में ना जारी रखें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि जेल मॉडल 2016 में लिखी गई बातों को लागू किया जाए। जिन राज्यों ने अब तक इस मैनुअल का पालन नहीं किया है, वे इन अनिवार्य रूप से अनुसरण करते हैं और दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने जेल को तैयार कर लेते हैं।
जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था हो मुस्तैद
अमित शाह ने अपनी चिट्ठी के माध्यम से सभी जेल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी जिला जेलों और न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। यदि किसी स्थान पर इस तरह की व्यवस्था नहीं है, तो प्रभाव से प्रभावित होने के निर्देश के अनुसार वीडियोकांफ्रेंसिंग की व्यवस्था मुस्तैद की जानी चाहिए।