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शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा का निधन

रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा

प्रतिरूप फोटो

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चीमा ने कहा कि अकाली नेता (ब्रह्मपुरा) का अंतिम संस्कार तरनतारन में उनके माता-पिता गांव ब्रह्मपुरा में बुधवार को किया जाएगा। पीजीआईएम आईआर द्वारा यहां जारी एक बयान के अनुसार, कई एजेंसियों का सामना कर रहे हैं ब्रह्मपुरा को संस्थान के लिवर में छह दिसंबर को भर्ती के लिए आवेदन किया गया था।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा के 85 साल की उम्र में अकाल का निधन हो गया। अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि पूर्व सांसद ब्रह्मपुरा का यहां पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएम दृष्टिकोण) में निधन हो गया। चीमा ने कहा कि अकाली नेता (ब्रह्मपुरा) का अंतिम संस्कार तरनतारन में उनके माता-पिता गांव ब्रह्मपुरा में बुधवार को किया जाएगा। पीजीआईएम आईआर द्वारा यहां जारी एक बयान के अनुसार, कई एजेंसियों का सामना कर रहे हैं ब्रह्मपुरा को संस्थान के लिवर में छह दिसंबर को भर्ती के लिए आवेदन किया गया था।

ब्रह्मपुरा को हाल ही में शिरोमणि अकाली दल का संरक्षक नियुक्त किया गया था, जब पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह क्लाउड ने कोर कमेटी के पुनर्गठन की घोषणा की थी। ‘माझे दा जरनैल’ (माझा का जनरल) जाने वाले ब्रह्मपुरा चार बार विधायक रहे हैं और उन्होंने 2014 से 2019 तक खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया था। पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद उन्हें 2018 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने अपना अलग संगठन शिअद (टकसाली) भी बनाया था। ब्रह्मपुरा दिसंबर 2021 में शिअद में फिर से शामिल हुए थे।

मध्यप्रदेश भगवंत मान, अकाली दल प्रमुख सुखबीर गीत, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर गीत और बिक्रम सिंह मजीठिया समेत विभिन्न नेताओं ने ब्रह्मपुरा के निधन पर शोक प्रकट किया। सर भगवंत मान ने परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। अकाली दल के प्रमुख हैनबीर ने कहा कि ब्रह्मपुरा की मृत्यु राज्य और पार्टी के लिए बड़ी क्षति है। क्लाउड ने एक ट्वीट में कहा, “अथक पंथिक योद्धा और अकाली दल के वरिष्ठ नेता जत्थेदार रणजीत सिंह जी ब्रह्मपुरा का निधन पंथ, पंजाब और शिरोमणि अकाली दल के लिए एक बड़ा नुकसान है। यह संकेत एक शून्य पैदा कर देता है, जिसे भरने में कठिनाई होगी। जत्थेयर साहब जीवन भर राजनीति में ‘पंथिक’ मूल्यों के अडिग प्रतीक बने रहे और उनकी रक्षा के लिए आगे बढ़कर नेतृत्व किया। मैं उनकी आत्मा की शांति और परिवार को दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



 


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