
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान ने कहा, “(पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी) इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (बेसआई) के प्रमुख-जनरल फैसल नसीर ने दो बार मेरी हत्या करने की कोशिश की।
लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि दो बार उनकी हत्या की कोशिश करने वाले आईएसआई अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर वरिष्ठ पत्रकार अरशद सरफराज की हत्या में शामिल थे। खान ने यह टिप्पणी लाहौर में अपने ‘बुलेट-बम-प्रूफ’ वाहन से एक रैली को संदेश देते हुए की। रैली का वीडियो लिंक के माध्यम से अन्य शहरों में सीधा प्रसारण किया गया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान ने कहा, “(पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी) इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (बेसआई) के प्रमुख-जनरल फैसल नसीर ने दो बार मेरी हत्या करने की कोशिश की। वह (टेलीविजन प्रस्तुति) अरशद सरफ के कटल में भी शामिल हैं। वे मेरी पार्टी के सीनेटर आज़म स्वाति को भी निर्वस्त्र कर उन्हें पूरा कर चुके थे।”
सेना के आलोचक अरशद सरफराज की पिछले साल अक्टूबर में केन्या में हत्या कर दी गई थी। वह सुरक्षा दस्तावेजों से अपनी जान को खतरा होने का जिक्र करते हुए देश छोड़ कर भाग गए थे। केन्या में पुलिस ने पत्रकार को गोली मारी, जिससे उसकी मौत हो गई। केन्या की पुलिस ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था कि गलत पहचान के चलते 49 साल में किसी व्यक्ति को गाड़ी पर गोली भेजी गई थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। खान (71) ने इससे पहले प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के साथ-साथ जनरल नसीर पर पिछले साल नवंबर में पंजाब प्रांत के वजीराबाद में (खान की) हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इस हमले में उनके पैर में तीन गोलियां लगी थीं।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “यह व्यक्ति (जनरल नसीर) पिछले 20 महीनों से मेरी पार्टी के लोगों पर जुल्म कर रहा है, लेकिन उसकी संस्था (सेना) में किसी की परवाह नहीं है। पाकिस्तान से प्यार करने वाला कोई भी व्यक्ति वह नहीं कर सकता जो यह कर रहा है।” खान ने मौजूदा सेना के प्रमुख जनरल आसीम मुनीर से परोक्ष रूप से यह सवाल किया कि वह आईएसआई के कर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? उन्होंने देश के लोगों से माफिया शासकों और उनके आकाओं (सैन्य प्रतिष्ठान में मौजूद तत्व) के खिलाफ धूम्रपान करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हत्या की इन योजनाओं के बावजूद मैं इस देश की खातिर सड़क पर उतर कर विरोध कर रहा हूं। मेरा साथ देना तुम्हारा फर्ज है क्योंकि यह सियायत नहीं बल्कि जेहाद है-असली आज़ादी के लिए लड़ने की कभी राजनीति नहीं होती है।”
खान ने कहा कि उनकी पार्टी पंजाब में चुनाव की मांग को लेकर अगले हफ्ते से 14 मई तक रैलियां आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट की अवज्ञा की जाती है, तो संविधान रचना होगी। उन्होंने कहा कि इसका मतलब कानून के शासन का अंत है और जंगल राज की शुरुआत है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।” खान ने यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ब्रिटेन में क्या कर रहे हैं? शाहबाज, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स III के राज्याभिषेक में हिस्सा लेने के लिए लंदन गए थे। खान ने शंघाई सहयोगी संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शिरकत करने के वास्ते भारत जाने के लिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की भी आलोचना की। खान ने किया सवाल कि भारत यात्रा से क्या फायदा हुआ। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की दुनिया में बदनामी हुई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ की बैठक में अपने बंधे हुए भुट्टो-जरदारी को आड़े हाथों लिया था और पाकिस्तान के विदेश मंत्री के उन बयानों का विरोध किया था, जिसमें कहा गया था कि आतंकवाद का इस्तेमाल ”कूटनीतिक फायदे के लिए हथियार” ‘ के तौर पर नहीं करना चाहिए। इस जमा को भारत के संदर्भ में देखा गया था। बाद में संवाददाता सम्मेलन में, जयशंकर ने कहा कि भुट्टो-जरदारी के इन बयानों ने अनजाने में एक वाणी को उजागर कर दिया है। जयशंकर ने उन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने, इसे जायज प्रतिबंधित करने और आतंकवाद का प्रवक्ता होने का आरोप लगाया। खान ने जयशंकर की साझेदारी को लेकर अपनी आलोचना की और कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री को नौकरी के रूप में जोखिम भरी यात्रा पर जाने से पहले इसके नफा-नुकसान पर विचार करना चाहिए।
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