
UNITED NEWS OF ASIA. रूपेश साहू, मैनपुर-अमलीपदर (छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा) | अंतरराज्यीय चेक पोस्ट, जो अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई है, खुद ही बदहाल स्थिति में है बिरी घाट चेक पोस्ट की सुरक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को बिजली आपूर्ति देने वाले स्विच बोर्ड में तारों को जोड़ने के लिए माचिस की तीलियों का सहारा लिया गया है। यह न केवल लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोलता है। चेक पोस्ट पर सुरक्षा कर्मियों की गैरमौजूदगी इस चेक पोस्ट पर न तो सुरक्षा कर्मी नजर आते हैं और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करता है। स्थिति यह है कि पिछले तीन दिनों से लगातार दिन और रात चेक पोस्ट की लाइट जल रही है, जिससे साफ है कि कोई भी इसकी निगरानी नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं, यहां लगे बैरियर पाइप भी टूट चुके हैं, जिससे बिना किसी रोकटोक के वाहन यहां से गुजर रहे हैं।
अवैध गतिविधियों का अड्डा बना चेक पोस्ट क्षेत्र। दोनों राज्यों की सीमा जुड़ने के कारण ,बिरी घाट चेक पोस्ट पर सुरक्षा व्यवस्था की खामियों का फायदा असामाजिक तत्व और तस्कर उठा रहे हैं। यह इलाका ओडिशा से छत्तीसगढ़ में शराब तस्करी के लिए कुख्यात बन चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उड़ान के समय में धन तस्कर और जंगलों से बेशकीमती लकड़ी की अवैध तस्करी भी इसी रास्ते से की जाती है। गौरतलब है कि ओडिशा में अंग्रेजी शराब की कीमत छत्तीसगढ़ की तुलना में कम होने के कारण वहां से बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी की जाती है। हाल ही में पुलिस ने इस क्षेत्र में शराब की बड़ी खेप जब्त भी की थी, लेकिन लचर सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह अवैध कारोबार अब भी जारी है।
माचिस की तीलियों के सहारे सुरक्षा, सरकार को भारी नुकसान
बिरी घाट की सुरक्षा की स्थिति देखकर यह साफ है कि सरकार को इस लापरवाही के कारण करोड़ों का नुकसान हो रहा है। अगर इस चेक पोस्ट पर सही तरीके से जांच की जाए, तो कई अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन प्रशासन की ढील के कारण तस्करों के हौसले बुलंद हैं। इस चेक पोस्ट पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती अनिवार्य है, ताकि अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों की उचित निगरानी और बिजली आपूर्ति की सही व्यवस्था की जानी चाहिए। भगवान के भरोसे इतने महत्वपूर्ण चेक पोस्ट को छोड़ देना न केवल प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। यह समाचार रिपोर्ट सुरक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को उजागर करने के लिए तैयार की गई है। प्रशासन को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।













