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SC on Hate Speech: द्वेषपूर्ण भाषण पर SC ने केंद्र से सवाल, केवल दर्ज करना समस्या का समाधान नहीं, क्या कार्रवाई की है?

क्रिएटिव कॉमन

जनरल तुषार मेहता से एक सवाल करते हुए बेंच ने पूछा कि दर्ज दर्ज करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है और देखा कि केवल शिकायत दर्ज करने से अभद्र भाषा की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए नफरत फैलाने वाले भाषणों को छोड़ना एक बुनियादी आवश्यकता है। घृणा फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरिकता की याचिका ने मौखिक टिप्पणी की है। जनरल तुषार मेहता से एक सवाल करते हुए बेंच ने पूछा कि दर्ज दर्ज करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है और देखा कि केवल शिकायत दर्ज करने से अभद्र भाषा की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है। मेहता ने कोर्ट को बताया कि नफरत फैलाने वाले भाषणों के संबंध में 18 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज की आपत्तियों के बावजूद बुधवार को सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया था। अक्टूबर 2022 में उच्च न्यायालय ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पुलिस प्रमुखों को प्राधिकरण संभावनाओं की प्रतीक्षा किए बिना आपराधिक मामला दर्ज करके जलन फैलाने वाले भाषणों के अपराधियों के खिलाफ “तत्काल” स्वयं: कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने नफरत फैलाने वाले भाषणों पर नाराजगी जताई थी, जबकि उन्हें “बहुत परेशान करने वाला” कहा था।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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