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एसबीआई ने बढ़ाई एमसीएलआर दरें, अब कर्ज लेना होगा महंगा, चुकानी होगी पहले से ज्यादा ईएमआई

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अगर आप बैंक से निकट भविष्य में होम लोन, पर्सनल लोन या ऑटो लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए यह बुरी खबर है। पिछले 8 फरवरी को आरबीआई (आरबीआई) ने रेपो रेट में एक बार फिर 25 बेसिस पॉइंट लगाया है। रेपो रेट में इस तरह के बाद देश के कई बड़े प्राइवेट और सरकारी साइट्स ने अपनी लेंडिंग रेट बढ़ा दी है। इसी क्रम में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक जोखिम (SBI) ने सभी समयावधि के लिए अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स के आधार पर लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिसपॉइंट लगाया है।

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लोन लेने पर चुकानी होगी ज्यादा ईएमआई
एमसी रेट में इस तरह के बाद आपके लिए बैंक से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन महंगा हो जाएगा। यानी अब आपको लोन लेने पर पहले से ज्यादा ईएमआई (EMI) का भुगतान करना होगा। यह लाइव-सीधा सुविधा आम ग्राहकों की जेब पर निर्भर करती है। बैंकों से जुड़ी वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार मिला नया रोजगार 15 फरवरी से लागू हैं। आइए जानते हैं अलग-अलग समयावधि के लिए बैंक के नए एमसी रेट्स के बारे में।

बैंक के संबंध में नए एमसीएलआर रेट
खतरनाक ने ओवरनाइट एमसी रेट को 10 बेसिस पॉइंट से बढ़ाकर 7.85 परसेंट से 7.95 परसेंट, 1 ​​महीने के लिए एमसी की रेट 8 परसेंट से 8.10 परसेंट और 3 महीने के लिए एमसी के लिए 8 परसेंट से 8.10 परसेंट कर दिया है। वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसी जेड रेट 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 8.30 परसेंट से 8.40 परसेंट, 1 ​​साल के लिए एमसी से 8.40 परसेंट से 8.50 परसेंट, 2 साल के लिए एमसी से 8.50 परसेंट से 8.60 परसेंट और 3 साल पर एमसी से 8.60 परसेंट से 8.70 परसेंट हो गया है।

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इसे एमसीएलआर रेट कहते हैं
मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड्स आधारित लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन दे सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2016 में अलग-अलग तरह के लोन का ब्याज भत्ता को डिससाइड करने के लिए एमसी ऑल रेट की शुरुआत की थी। एमसी रेटिंग के बढ़ने या घटने से ग्राहकों की ईएमआई तय होती है। यानी अगर एमसी रेट में बैंक कोई फंसा हुआ है तो आपके लोन का विकल्‍प पैकेज्‍स क्‍या होगा जबकि अगर बैंक एमसी ब्‍लैक रेट में कमी करेगा तो आपके लोन का ब्‍जज कम हो जाएगा।

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