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अरुणाचल सीमा से आई सैटेलाइट तस्वीरों ने उड़ाया होश, भारतीय जमीन पर इस तरह कब्जा करना चाहता है चीन

अरुणाचल पर सैटेलाइट तस्वीरों में देखे चीनी गांव- India TV Hindi

छवि स्रोत: आईएएनएस
अरुणाचल पर उपग्रह की तस्वीरों में देखे चीनी गांव

अरुणाचल बॉर्डर की सैटेलाइट तस्वीरें बताएं तवांग झड़प की वजह: अरुणाचल प्रदेश की सीमा से तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झटकों के बाद सेना और भी अधिक चौक गए हैं। इस दौरान अरुणाचल की सीमाओं के सामने आई कई सैटेलाइट तस्वीरों में चीनी साजिश की पोल खुल गई है। तस्वीरों में साफ देखा कि चीन धीरे-धीरे भारत की जमीन पर कब्जा करने के लिए क्या-क्या साजिश कर रहा है। ऐसी चीनी चाल के बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।

भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई ताजा झड़पों की बात सार्वजनिक होने के एक दिन बाद की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग से सटी भारत-चीन सीमा के किनारे कई गांव बसा दिया है। इसके लिए चाइना की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने घूमने का भी निर्माण कर दिया है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि 9 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यांग्त्सी क्षेत्र की पहाड़ी चोटी पर एकतरफा नियंत्रण हासिल करने के लिए एलएसी के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने अपने मनसूबों को संभव नहीं होने दिया। चीनी सैनिकों को भटकने के लिए मजबूर होना पड़ा।

गांव बसा कर धीरे-धीरे धीरे-धीरे सीमा के आस-पास के इलाकों में चीन की चाहत में कब्जा कर लिया

चीन ने भारतीय भूभाग पर कब्जा करने के लिए अरुणाचल की सीमाओं पर जाम लगा दिया है। छोटी सड़कों, पानी, बिजली से लेकर वाई-फाई, रोशनदान, स्कूल, पर्यटन जैसी सेवाओं को भी शुरू किया गया है। ताकि चीनी लोग धीरे-धीरे भारतीय सीमा पर भी कब्जा करते रहें। चीनी सैनिकों की देखरेख करने का खुलासा करके भारत के दावों वाले क्षेत्रों में समझौते संभव हैं। ताकि वह भारत के दावों वाले क्षेत्रों पर भी अपना कब्जा जमा सके। चीन कई सालों से सीमा पर गांव बसता आ रहा है। हर जरूरत की हर जगह भी तैयार किया जा रहा है। सैटेलाइट में अरुणाचल सीमा के पास ऐसे कई चीनी गांव और सड़कें देखी गई हैं, जिनका निर्माण चीन की ओर से किया गया है।

झड़पों के बाद भारतीय वायु सेना कर रही गश्त
9 और 11 दिसंबर को भारतीय सैनिकों से टकराव के बाद से ही सीमा पर तनाव बढ़ा है। भारत और चीन दोनों की तरफ से आए आधिकारिक बयानों में कहा गया है कि स्थिति नियंत्रण में है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ उसकी सीमा पर हालात ‘स्थिर’ बने हैं। जब भारत ने तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LSI) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें कीं, तो चीन ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “जहां तक ​​हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल एक स्थिति स्थिर है। राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा पर मुद्दों पर लगातार बातचीत चल रही है। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कहा कि भारत का शिखर पर नियंत्रण है, जो सीमा के दोनों ओर एक कमांडिंग व्यू प्रदान करता है। प्रतिरोधी के लिए आकाश में गश्त कर रहे हैं।

कटली लाठियां लेकर आए थे चीनी सैनिक
तवांग क्षेत्र में चीन के सैनिक 300 से अधिक संख्या में आए थे। उनके हाथ में कटीली लाठियां थीं। मतलब साफ है कि पहले से ही पीएलए की सेना दबंगई और योजना के साथ यांग्त्सी क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा करने वाली थी, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी कोशिश विफल कर दी। मगर अभी चीन ने अपना इरादा बदला नहीं है। चीन फिर से भारत के दावों वाले क्षेत्रों में कारोबार की योजना बना रहा है। इस बार वह और अधिक तैयारी के साथ आ सकता है। मगर अब भारतीय थल सेना ने भी पेट्रोलिंग करना शुरू कर दिया है। इस सर्दी का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है। तब चीन के सैनिक फिर से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि तब हवाई मार्ग से भारत के लिए कोहरे और खराब मौसम के कारण पेट्रोलिंग करना संभव नहीं हो सकता है। इस दौरान दृश्यता भी काफी कम हो जाती है। इस पूरे मामले पर भारत में सीडीएस ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक की है। भारत-चीन सीमा के पल-पल के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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