
संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए जरूरी है कि उसके पक्ष में परिषद के 15 सदस्यों में से नौ सदस्यों का वोट मिला और किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल नहीं किया गया।
संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद ने रूस से, बाल्टिक सागर होते हुए यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में हुए विस्फोट की जांच करने के लिए रूस के लिए सोमवार को नामंजूर करने का आग्रह किया रूसी समाचार एजेंसी TASS ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया। को नॉर्ड ओवरलैप की अंतरराष्ट्रीय जांच पर रूसी-चीनी प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। संयुक्त सुरक्षा राष्ट्र परिषद किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए जरूरी है कि उसके पक्ष में परिषद के 15 सदस्यों में से नौ सदस्यों का वोट मिला और किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल नहीं किया गया। इस प्रस्ताव का रूस, चीन और ब्राजील ने समर्थन किया, अल्बानिया, ब्रिटेन, गैबॉन, घाना, माल्टा, मोजाम्बिक, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर और जापान ने भाग नहीं लिया।
संकल्प को वेनेजुएला, डीपीआरके, निकारागुआ, सीरिया और इरिट्रिया ने भी सह-लेखक बनाया था। हालांकि, ये राज्य सुरक्षा परिषद के सदस्य नहीं हैं और उन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सोमवार को नॉर्ड वरीयता 1 और नॉर्ड वरीयता 2 पाइपलाइनों की अंतरराष्ट्रीय जांच पर एक रूसी-चीनी मसौदा प्रस्ताव मतदान कर रही है। प्रस्तावित मसौदे का पाठ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस नॉर्ड 1 और नॉर्ड स्रोत 2 गैस पाइपलाइनों पर लक्ष्य के कार्य के सभी आकार की व्यापक, जुड़ाव और फेयर जांच करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र आयोग की स्थापना करते हैं, जिसकी पहचान करना भी शामिल है । अपराधी, प्रतिनिधि, नियंत्री और उनके सहयोगी।
अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वूड ने कहा कि जब स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी के मामले की व्यापक, भागीदारी और फेयर जांच कर रहे हैं तब संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिनबीन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच का यह आग्रह, मौजूदा राष्ट्रीय जांच के काम को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और उनके किसी भी निष्कर्ष को पक्षपात का प्रयास बताता है और यह मांग सच सामने आने की कोशिश नहीं करता है। पाइपलाइन को नॉर्ड 1 और नॉर्ड 2 को सीधे तौर पर जाना जाता है। यह अधिकांशतः रूस की सरकारी ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनी गजप्रोम के पास है। इन लाइन में पिछले साल 26 सितंबर को विस्फोट हुआ था। यूरोपीय देशों की जांच अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है या कम से कम उन्हें अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।



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