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रूस को आया गुस्सा, कहा- जर्मनी याद दिला रहा है दूसरे विश्वयुद्ध की याद, बर्लिन को उड़ा देना चाहिए भड़का रूस ने कहा- दूसरे विश्व युद्ध की याद दिला रहा जर्मनी…”बर्लिन को परमाणु मानकों से उड़ाया जाना चाहिए”

प्रतीकात्मक फोटो- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: फ़ाइल
सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली। पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन के टैंकों सहित अन्य घातक हथियारों को दिए जाने से रूसी राष्ट्रपति लगभग तमतमा उठे हैं। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और जर्मनी में रूस के प्रमुख निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में रूस अपना आप खो सकता है, जिसके परिणाम परमाणु युद्ध में छाए रह सकते हैं जिससे किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद अब जर्मनी भी रूस के साथ है। यूक्रेन को जर्मनी द्वारा लैपर्ड-2 टैंक की आपूर्ति किए जाने से रूस इतनी आग बबूला हो गया है कि वह कोई बड़ा जवाब नहीं दे सकता है। इससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा और भी बढ़ गया है। सनकी धुंधला का मैल अब दुनिया को खतरों के किस नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है, इसकी आशंका महसूस करना किसी के लिए भी मुश्किल है। हॉटस्पॉट की धमकी से अमेरिका ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन और जर्मनी में भी खलबली है। ये सभी देश मानकर चल रहे हैं कि सामान्यत अब कभी भी और कुछ भी खतरनाक हो सकते हैं।

रूस ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध की याद आ रही है जर्मनी

यूक्रेन के लैपर्ड-2 टैंक पर जलता हुआ सातवां आकाश है। जर्मनी पर आग बबूला हुए रूस ने कहा है कि जर्मनी ने दूसरे विश्व युद्ध की याद दिला दी है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन और उसकी संसद बुंडेस्टैग पर खतरनाक हथियार दागे जाने जा रहे हैं, जो सीधे और प्रत्यक्ष रेडियोधर्मी होन (परमाणु बम) हैं, जो जमीन पर गिरते हैं तो उस जगह को दहला देंगे और लावे की तरह चमकेंगे। जर्मनी द्वारा यूक्रेन के टैंकों और अन्य विशेषताओं को व्यक्त करने के बाद रूस ने कहा कि इसका मतलब यह है कि जर्मनी भी युद्ध में शामिल हो गया है।

अब जर्मनी को हम सीधे पक्ष के रूप में देख रहे हैं
रूस का यह कहना है कि यूक्रेन को घातक टैंक देने के बाद अब जर्मनी भी एक तरह से सीधे युद्ध में शामिल हो गया है और हम जर्मनी का प्रत्यक्ष पक्ष मानते हैं… इससे स्पष्ट है कि यह तीसरे विश्व युद्ध की घंटी है। इलेक्ट्रोलाइट के सहयोगी सोलोवियोव ने कहा- “यह एक स्पष्ट और दृश्ट संदेश देने का समय है कि अब हम जर्मनी को संघर्ष का प्रत्यक्ष पक्ष मानते हैं जो कि द्वितीय विश्व युद्ध की यादें ताजा कर रहे हैं। “यूक्रेन में दिखाई देने वाले जर्मन टैंकों का निश्चित रूप से इसका मतलब होगा कि हम जर्मन क्षेत्र, सैन्य ठिकानों और अन्य साइट को लक्षित करें तो गलत नहीं होगा। उग्र मॉस्को टीवी पंडित येवगेनी सतनोव्स्की ने कहा कि जर्मनी की राजधानी बर्लिन और देश की संसद बुंडेस्टैग पर हथियार दागने चाहिए।

रूस यूक्रेन भेज रहा की बड़ी खेप
वियतनाम पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को भारी मात्रा में टैंक, हथियार और आग के फैलाव के बाद रूस भी जवाब के लिए पुख्ता करने की तैयारी कर रहा है। रूस जल्द ही यूक्रेन में अपनी सेना के लिए 1,800 टैंक, 3,950 बख्तरबंद वाहन, 400 लड़ाकू जेट और 300 हेलीकॉप्टर शामिल करने वाला है। हालांकि यूक्रेन रूस से आने वाले इस बड़े खेप पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। इसी बीच नाटो के सचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस ने पहले ही अपना नया आक्रमण शुरू कर दिया है। वह “ज्यादा कामरेड, अधिक कटौती और अधिक क्षमता यूक्रेन को भेज रहा है”। इससे विनाश का खतरा कई गुना बढ़ गया है। आपको बता दें कि यूक्रेन सैन्य निर्माण की भी निगरानी कर रहा है, क्योंकि वे पश्चिमी समर्थन की गहराई में जा रहे हैं।

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