राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने समाज में जाति व्यवस्था को लेकर बड़ी बयानबाजी की है। संघ प्रमुख ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, पंडित लोग झूठ बोलते हैं। ये बयान उन्होंने संत रविदास जयंती कार्यक्रम में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था। भागवत ने कहा कि हमारे समाज से जुड़े लोगों ने हमेशा इसका लाभ उठाया है। संघ प्रमुख के बयानों पर आरएसएस नेता ने किया खुलासा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सभी भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने भागवत के बयानों को ट्वीट करते हुए ट्वीट किया, “सच तो यह है कि मैं सभी प्राणियों में हूं, इसलिए नाम जो भी हो, लेकिन योग्यता एक है, सम्मान एक है , सभी का अपनापन है। कोई ऊंचा या नीचा नहीं है। शास्त्रों का आधार लेकर ऊंच-नीच की बात करने वाले पंडित (विद्वान) लाचार हैं।”
‘भागवत का उपनाम बयान है’
मीडिया से बात करते हुए आरएसएस नेताओं ने कहा, “मोहन भागवत संत रविदास जयंती कार्यक्रम में थे। उन्होंने ‘पंडित’ का उल्लेख किया, जिसका अर्थ है ‘विद्वान’ (विद्वान)… कुछ पंडित शास्त्रों के आधार पर जाति-आधारित विभाजन की बात करते हैं, यह झूठ है। यह उनका (भागवत का) उपनाम है।”
कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा था कि सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, क्योंकि कुछ भी योग्यता है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो कथन हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम तय हो गए हैं, भ्रम दूर करना है।