राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि मुझे संत रोहितास पर बोलने का स्वर मिला यह मेरे लिए खुशनसीबी है। देश और समाज के विकास के लिए मार्ग दिखाने वाले वो संत रविदास थे। समाज को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जो परंपरा की आवश्यकता थी वो संत रविदास ने दी थी। उन्होंने कहा कि हमने शुरुआत में देश के लोगों ने अपने दिमाग को ही पासोपेश में डाला। इसके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं। समाज में जब अपनापन खत्म हो जाता है, तो एक ही दुश्मन दु:खी हो जाता है।
“हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या?”
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे समाज के बटवारे का लाभ उठाया है। नहीं तो किसी को भी हमारी तरफ देखने की हिम्मत नहीं है। इसी का लाभ पाने के लिए देश में आक्रमण हुए और बाहर से हमारे लोगों ने इसका लाभ उठाया। अपना दिमाग किसी के भी तर्क से जुड़ा नहीं है। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिखा रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको खुद ही भरना होगा।
“पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था”
मोहन भागवत ने आगे कहा कि क्रिया का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदार होता है। भगवान ने हमेशा कहा है कि मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें से कोई भी जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने वो गलत किया था। देश में विवेक, चेतन सभी एक हैं, उसमें कोई अंतर नहीं है, बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश की, नहीं बदलने की कोशिश की तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबासाहेब अंबेडकर ने नहीं कहा है, बल्कि हालात को कैसे बदला जाए, यह बताया गया है।
“किसी को भी हाल में धर्म ना छोड़ना”
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संत रविदास तुलसीदास, कबीर, सूरदास से प्रस्तुत थे इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रविदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से चाहे जीत नहीं सकते, लेकिन वे लोगों के मन को छुआ और विश्वास करते हैं कि भगवान हैं। सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। आज की स्थिति पर ध्यान दें, किसी भी हाल में धर्म ना छोड़ें। संत रोहिदास जुड़ाव भी बुद्धजीवी हुए उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा कि धर्म से जुड़े हुए।
“गुनी बनो, धर्म का पालन करो”
भागवत ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम सभी एक ही हैं। समाज और धर्म को द्वेष की दृष्टि से न देखें। गुनी बनो, धर्म का पालन करो। सावरकर हो, सुभाष चंद्र बोस हो या अंबेडकर इन सभी को एक ही जगह से ज्ञान मिला है कि समाज और देश की तरक्की के लिए काम करो। संतों की बातों में लाये बिना समाज का विकास या किसी की शख्सियत में नहीं आता।
बेरोजगारी बढ़ने के पीछे बताई गई बड़ी वजह
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आज समाज में जो बेरोजगारी बढ़ रही है, उसमें काम को लेकर बड़ा-छोटा मुद्दा भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा कि लगातार कोशिश करते रहते हैं, समाज ज़रूर बदलेगा, लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है। समाज को लेकर सबके सामने होगा, यह संत रविदास ने बताया है।
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