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RPSC पेपर लीक मामला: जीके ही नहीं अन्य पेपर के भी लीक होने का संदेह, जांच में सामने आई ये बड़ी वजह

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आरपीएससी 2 ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस
बस को एस्कॉर्ट कर रही कार का गुजरात कनेक्शन सामने आया
पेपर लीक मामले में पुलिस अब तक 55 आतंकी गिरफ्तार कर चुकी है

तैयार। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान के पेपर के दिन फेसबुक में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पेपर लीक (पेपर लीक केस) गैट और उससे पेपर लेने वाले को बताया था। गिरफ्तार पुलिस ने दो अलग-अलग जगहों से 55 लोगों की गिरफ्तारी की थी। उसके बाद इस मामले में पूछताछ में एक के बाद एक बड़ा खुलासा हो रहा है। दूसरे ओर के निरीक्षण के दौरान भी कई ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिससे पूर्व में बने पेपर को लेकर भी संशय के भाव आ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार बजर पुलिस ने जिस बस को ज़ब्त कर लिया था वह बस 20 दिसंबर से लगातार जालोर और टूटने के बीच में चक्कर लगा रही थी। इसका अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे पहले भी इस तरह के पूर्व पेपर को लीक करने का आरोप लगाया जाएगा। यही बस एस्कॉर्ट कर रही एक कार का राजपत्र कनेक्शन भी सामने आया है। एस की टूर कंपनी की इस बस को तोड़ने वाली पुलिस ने बेकरिया के पास ज़ब्त कर लिया था। इस बस में छापा मारा और एस्कॉर्ट कर रही एक कार से कुल 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

बस का जाम जालोर के बीच लगातार चहल-पहल देखी गई
सीधे पेपर भेजने के मास्टरमाइंड सुपरवाइजर को भी बस एस्कॉर्ट करने वाली कार से गिरफ्तार किया गया था। इस बस के मालिक पीराराम बिश्नोई हैं। पीराराम सहित बस के ड्राइवर नरेश को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने जब गोगुंदा इलाके के टोल नाके पर कब्जा खंगाले तो 20 दिसंबर से इस बस का कब्जा और जालोर के बीच लगातार चहल-पहल देखी गई। 21 दिसंबर को भी पेपर था। ऐसे में 20 दिसंबर को इस बस का फैसला आने से पूर्व में हुए सभी पत्रों के लीक होने का संदेह जाहिर हो रहा है।

आपके शहर से (उदयपुर)

एस्कॉर्ट कर रही कार का गुजरात कनेक्शन
यह बस 20 दिसंबर, 22 दिसंबर और 23 दिसंबर को सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। यही बस को एस्कॉर्ट कर रही कार का गुजरात कनेक्शन नहीं है। यह कार गुजरात के साबरकाटा जिले में RTO में रजिस्टर्ड की गई है। लेकिन जानकारी के मुताबिक कार को गणपतलाल बाकी के नाम से रजिस्टर्ड किया जाता है। अंडर पुलिस ने जो गिरफ्तारियां की हैं उनमें वैसा बस ड्राइवर नरेश गिरफ्तार है। नरेश के पिता का नाम भागीरथराम विश्राम है। दूसरी ओर पंजीकरण के समय जो मोबाइल नंबर दिया गया था वह मोबाइल नंबर मोबाइल ऐप पर जांच करने के दौरान पीराराम विश्राम के नाम से बताया जा रहा है। ऐसे में इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि बस और कार में एक ही व्यक्ति द्वारा लीक गैट के सदस्यों को लाया गया था।

अब तक 55 लोगों की गिरफ्तारी
हाईवे पर जिस दौरान बस के अंदर पेपर लीक गैट के सदस्य तय को पेपर सॉल्व करवा रहे थे उसी दौरान लैंडर के सुखेर थाना में स्थित होटल हिमांशी में भी इस गैट के सदस्य मौजूद थे। होटल हिमांशी में गैंग के सदस्यों द्वारा चार कमरों वाले बुक चेक किए गए थे। कमरा नंबर 303 को कंट्रोल रूम की तरह बना दिया गया था, वहीं से होटल के अधिकार उन पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे। जब पुलिस ने सुपरवाइजर को गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो उसने अपने ग्रुप के सदस्यों के होटल में होने की जानकारी भी दी। पुलिस ने होटल में दबिश दी और वहां से गुट के तीन लोगों, छह दावेदार और एक डमी उम्मीदवार को गिरफ्तार किया। होटल से 10 और गिरफ्तारियां होने के साथ ही पेपर लीक मामले में अब तक 55 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

टैग: अपराध समाचार, पेपर लीक, राजस्थान न्यूज, उदयपुर खबर

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