
सांकेतिक फोटो
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के तलाशी अभियान के दौरान बांग्लादेश के कम से कम नौ संदिग्ध रोहिंग्या अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में त्रिपुरारी पकड़े गए। नर्थ फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने एक बयान में कहा कि अगरतला रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच के दौरान पांच महिलाओं सहित नौ लोगों को पकड़ा गया। बयान के अनुसार घटना के दिन अगरतला की आरपीएफ टीम ने जीआरपी अगरतला के साथ संयुक्त रूप से अगरतला रेलवे स्टेशन पर आने और जाने वाली सभी ट्रेनों में अवैध पहचान के खिलाफ विशेष जांच की।
बांग्लादेश और म्यांमार मूल के रोहिंग्या हैं
कंजेशन के मुताबिक इस खास जांच के दौरान संयुक्त टीम ने 9 बांग्लादेशियों को पकड़ा। 15 दिसंबर को लोग पूछताछ के दौरान किसी वैध दस्तावेज़ को पेश नहीं कर सके और बाद में स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश और म्यांमार मूल के हैं। अधिकारी ने बयान में कहा कि बाद में सभी 9 बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को पकड़ लिया गया और आरपीएफ पोस्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन लोगों को अगरतला में राजकीय रेलवे पुलिस के प्रभार अधिकारी को सौंप दिया गया।
कौन हैं रोहिंग्या?
आपको बता दें कि रोहिंग्या मुस्लिम का एक समुदाय है। म्यांमार के कायम प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिम की एक बड़ी आबादी रहती है। मगर दशक से म्यांमार में इनके साथ भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। रोहिंग्या मुसलमान दावा करते हैं कि वे म्यांमार के मुस्लिम वंशज हैं। अंग्रेजी शासन के दौरान बांग्लादेश से आने वाले म्यांमार के लोगों ने बसने का दावा किया है। असम म्यांमार की सीमा से सटा बांग्लादेश रोहिंग्या समुदाय को अपना स्थान नहीं देता है, जिस वजह से उन्हें किसी भी देश की नागरिकता नहीं मिलती।
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