
UNITED NEWS OF ASIA. कोलकाता | 76वें गणतंत्र दिवस पर कोलकाता की रेड रोड पर एक अनोखी परेड आयोजित की गई, जहां भारतीय सेना ने अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस परेड में पहली बार रोबोट आर्मी ने सलामी दी, जिसमें रोबोटिक डॉग्स संजय (MULE – मल्टी यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) सबके आकर्षण का केंद्र रहे।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तिरंगा फहराया। इसके बाद नायब सूबेदार रजनीश के नेतृत्व में परेड हुई। इस ऐतिहासिक परेड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं।
‘संजय’ रोबोटिक डॉग्स की खासियत
- स्वदेशी तकनीक: MULE रोबोट भारतीय सेना द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित किए गए हैं।
- कठिन परिस्थितियों में कार्यक्षमता: ये रोबोट माइनस 40 डिग्री तापमान में काम कर सकते हैं और बर्फीले पहाड़ों पर भी चढ़ सकते हैं।
- उन्नत क्षमताएं:
- 45 डिग्री के कोण पर पहाड़ों पर चढ़ने की क्षमता।
- 18 सेंटीमीटर ऊंची सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम।
- खुफिया जानकारी जुटाने और बॉर्डर निगरानी के लिए इस्तेमाल।
- विस्फोटकों का पता लगाकर उन्हें नष्ट कर सकते हैं।
- तकनीकी विवरण: 15 किलो वजन वाले ये रोबोट 10 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं और इन्हें रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किया जाता है।
पहले भी दिखा चुके हैं दम
भारतीय सेना ने 15 जनवरी को पुणे में आर्मी डे परेड में भी रोबोटिक डॉग्स का प्रदर्शन किया था। उस परेड में पहली बार 12 रोबोटिक डॉग्स को शामिल किया गया था, जिसने तकनीकी विकास की दिशा में भारतीय सेना की प्रगति को दर्शाया।
भविष्य में संभावनाएं
इन रोबोट्स को सेना की विभिन्न यूनिट्स में शामिल किया गया है और ये भारत की सीमाओं पर निगरानी, खुफिया जानकारी एकत्र करने और विस्फोटक निष्क्रिय करने जैसे कार्यों में अहम भूमिका निभाएंगे।
कोलकाता परेड में रोबोट आर्मी का प्रदर्शन भारतीय सेना की तकनीकी श्रेष्ठता और स्वदेशी निर्माण की दिशा में किए गए प्रयासों का उदाहरण है। ‘संजय’ रोबोटिक डॉग्स का यह कदम देश की सुरक्षा और आधुनिक युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव लाने की ओर संकेत करता है।













