

सेंटर की मोदी सरकार ने एक बड़ा फरमान सुनाते हुए कारोबार से जुड़ी छोटी-मोटी ब्राउजियों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इसका लाभ छोटे कारोबारियों को होगा, वे शामिल होंगे, जिनमें ग्लोब या फिर कोई अन्य शिकायत का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सेंट्रल कैबिनेट ने कार्यक्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत आने वाले संबंधित प्रासंगिकता प्राधिकरण (तर्कसंगत) बने रहने वाले छोटे-मोटी लोगों को अपराध की श्रेणी से हटाने वाले को हटा दिया है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार विभागों ने इन नेटवर्कों को अपराध के दायरे से बहिष्कृत करने का प्रस्ताव रखा था। सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने ‘कारोबारी रूप से बनाई और रहन-सहन आसान बनाना (प्रावधानों में संशोधन) संक्षिप्त, 2022’ पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को पेश किया जा सकता है। 16 मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 35 अधिनियमों के लगभग 110 तरलता को संबद्धता बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।
एक सूत्र ने कहा कि इस फाइल का मकसद सुधार के एजेंडे को अगले स्तर पर ले जाया जाता है। सरकारी प्राधिकरण और नागरिकों के लिए अनुपालन से जुड़े बोझ को कम करने पर ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए सरलीकरण, डिजिटलीकरण, जिल्दसाजियों को अपराध की श्रेणी से अलग करने और अनुपयोगी कानूनों/नियमों को समाप्त करने की चार-सूत्री रणनीति अपनाई गई है। विभाग ने सभी परस्पर के साथ व्यापक परामर्श के बाद संपूर्ण को अंतिम रूप दिया है।



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