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विंटर का सीज़न समाप्त हो गया है। जोश और जोश से परे मिलन समारोह, हॉलिडे पार्टी और पारिवारिक दावत इस सीज़न में बहुत व्यस्त रहते हैं। हम सभी रात के सुहावने मौसम के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। लेकिन हमें इस मौसम (मौसम) में परेशान करने वाली चीजों को भी याद रखना चाहिए, जैसे कि तापमान में गिरावट और अन्य संबंधित कारक जो स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न कारणों से बन सकते हैं। आमतौर पर सर्दी या दुर्घटना
बीमारियों (मौसमी बीमारी) के रूप में जाना जाता है। आइए जानें पूरे परिवार की सेहत की जांच के लिए सर्दियों का मौसम सबसे अच्छा क्यों है(सर्दी स्वास्थ्य जांच के लिए सबसे अच्छा मौसम है)
ज्यादातर लोग घर के अंदर ही अपना समय बोलते हैं। जिससे बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है। इसके अलावा, ठंडी, शुष्क हवा से शरीर की क्षमता भी कमजोर हो सकती है।
सर्दी में रोग-प्रतिरोधक क्षमता
सर्दी के मौसम में हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता, मुक्त सिस्टम (इम्यून सिस्टम) के कमजोर होने का खतरा बना रहता है। शरीर में रोग और संक्रमण की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को ही रोग संबंधी क्षमता कहा जाता है।
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर के प्रकार, सजातीय, सजीव और प्रोटीन (प्रोटीन) का एक जटिल नेटवर्क है। जो बाहर से हमला करने वाले खतरनाक कीटाणुओं से शरीर की हिफाजत करती है।
जीवाणु संक्रमण, शुष्क हवा, और रोग देने वाला तापमान थोड़ी देर में हमारी-प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव बढ़ा सकते हैं। अपने मार्ग में अच्छे विशेषज्ञों को शामिल करते हैं और उन पर अमल करने के लिए यही समय सबसे अच्छा है। इससे आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बना सकते हैं और तुरंत स्वस्थ होकर जी सकते हैं।
श्वसन तंत्र की समस्याएँ
मौसम में बने बदलाव का असर सभी की सेहत पर पड़ता है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, सीओपीडी, मामले, तथा दायित्व और स्वसन तंत्र से संबंधित कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से ऐसे लोग जल्दी आ जाते हैं जो विशेष रूप से कठोर और जुदा हो सकते हैं। सही तरीके से स्वास्थ्य की हिफाजत के बिना स्थिति और खराब हो जाएगी, खराब से खराब हो जाएगी।
सर्दी का मौसम ठंडा एवं शुष्क होता है। साथ ही हवा में खिंचाव व वायरस काफी कम होता है, जिससे श्वास-नली में जलन और रोट हो सकता है। इसके कारण सांस लेने में कठिनाई होती है जिसे ब्रोन्कोस्पज़म (साँस की पीड़ा) कहा जाता है।
सर्दियों में दिल की सेहत
ताप में कमी की वजह से ताप के कारण धमनियां भिन्न हो सकती हैं। इसकी वजह से दिल की मांसपेशियों को मिलने वाले ऑक्सीजन और पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। इससे उनका सामान्य स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ठंड के मौसम में रक्त की संबद्धता की संभावना भी अधिक होती है। थोड़ी ही देर में रक्त चाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ सकता है।
जल्दी में जबरदस्ती का एहसास
सर्दियां ही आती हैं हम घर से बाहर निकलते हैं और व्यायाम करते हैं थोड़ा कम कर देते हैं। इसके साथ ही गरमागरम तला- जुनी और मीठा खाने की इच्छा बढ़ जाती है। इसका सामान्य तौर पर हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है, इसके साथ ही वजन भी बढ़ सकता है और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
किन लोगों को चेक-अप करवाना चाहिए?
आमतौर पर हम बच्चे और रमजान की सेहत पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन, हमारे लिए यह जिम्मेवार है कि काम करने वाले लोगों के साथ-साथ 15 साल के छात्रों से लेकर 55 की उम्र तक के लोग भी संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि वे दिनभर अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में होते हैं रहो। इसलिए परिवार में छोटे बच्चों से लेकर रोधक तक, सभी को अपना चेकअप करवाना चाहिए।
इसमें किस तरह की खोज शामिल की जानी चाहिए?
दिल का स्वास्थ्य, शरीर में होने वाले कम लोग, ब्लड प्रोफाइल आदि की जांच के साथ पूरे शरीर की अच्छी तरह से जांच करना बहुत जरूरी है। अगर आपको एलर्जी की वजह से सर्दी-जुकाम और खाँसी जैसी समस्याएँ होती हैं। तो एलर्जेन टेस्ट से आप इसका कारण समझ सकते हैं और उनसे दोस्ती करने में मदद मिलेगी। अश्लीलता घनत्व की जांच भी जरूरी है। क्योंकि जल्दी ही जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है। इनके साथ-साथ सामान्य तौर पर जाने वाले दांतों की जांच भी आपकी सूची में होनी चाहिए।
अगर आपके परिवार के सदस्य पहले से ही इस तरह की नौकरी से जूझ रहे हैं या एक जगह स्थिर अपना काम कर रहे हैं। तो आपको पूरे शरीर की खोज को अपनी सूची में शामिल करना चाहिए। अगर आपकी उम्र 35 साल से अधिक है तो ऐसा करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस समय उम्र की वजह से होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, साल में कम से कम एक बार सभी चेकअप को निश्चित रूप से देखा जाना चाहिए। इससे आप अपनी सेहत के बारे में जान सकते हैं, साथ ही आपको स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलती है। स्थिति चाहे जो भी हो,
शुरुआती निदान से किसी भी बीमारी को जल्दी ठीक करने में मदद मिलेगी।
विंटर का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी सेहत पर ध्यान दें छोड़ें। विस्तार से परिदृश्य के साथ ब्लूप्रिंट हेल्थ चेक-अप का रिकॉर्ड तैयार किया जा सकता है, जिससे आपके पर्यावरण की वार्षिक प्रगति को जानने और समझने में मदद मिल सकती है।
हेल्थ चेक-अप से न केवल आपके भीतर स्वास्थ्य मंदिर में रहने की इच्छा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे समय पर इलाज को सही दिशा भी मिलेगी। चलो इस बार रात के मौसम में अलस्य को दूर भगवान और अपनी सेहत को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
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