United news of Asia। रायपुर । तत्कालीन मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल ने काले दौर का काला सच भी देखा है। जिसे लोग शायद आज भूल गए हैं। बात 2017 की है जब मुख्यमंत्री रमन सिंह के खेमे के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के ऊपर इस्तीफे की गाज गिरने वाली थी। आपको बता दें कि राज्य के महासमुंद जिले के सिरपुर इलाके में सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर उस जमीन पर रिसॉर्ट बनाने का मामला मंत्री पर भारी पड़ गया था। राज्य शासन की रिपोर्ट में साढ़े चार हजार हेक्टेयर वन भूमि पर मंत्री के परिजनों का बेजा कब्ज़ा पाया गया था। उक्त मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और कद्दावर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बीच तलवारें खिंच गई थी। महासमुंद जिले के सिरपुर में सरकारी जमीन के कब्जे को लेकर मिली रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा था कि वह इस पर जल्द कार्रवाई करेंगे। सी एम के आदेश में मंत्री के परिजनों के कब्जे वाली सरकारी जमीन की रजिस्ट्री को शून्य किया गया था। इस आदेश में उन्होंने यह भी कहा था कि जमीन खाली कराने की प्रक्रिया के साथ इस जमीन की खरीद फरोख्त करने वालों के खिलाफ अदालत में केस दायर करें। मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी मोर्चा खोलने की तैयारी में लगे रहे। मामले के तूल पकड़ने से बीजेपी का अंतरकलह सामने आने लगा था। यह मामला प्रकाश में आने के बाद बृजमोहन अग्रवाल के परिवार के सदस्यों के नाम पर अन्य खरीदी गई जमीनों के मामले मीडिया द्वारा सामने लाया गया था।
मामले को लेकर हुई कार्यवाही और अन्य जमीन घोटाले भी हुए, जानने के लिए पढ़ते रहिए… una.news