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इस खबर में पढ़े खास क्यों हाई कोर्ट ने विशेष आदेश को खारिज कर दिया

निलंबन आदेश निरस्त : मध्य प्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय ने हाजिरी पर निलंबन के आदेश को ख़ारिज कर दिया है।

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विशेष शिवराज सिंह चौहान ने रमाकोना जनसेवा कार्यक्रम में उन्होंने मंच पर ही सीएमएचओ चौरसिया को बुलाया था। उनसे पूछा गया था- आयुष्मान कार्ड बनाने में देरी क्यों हो रही है? जिसके जवाब में सीएमएचओ कुछ बोल नहीं मिले थे। इस पर से। मी ने उन्हें सीएमएचओ के आरोप से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें रेडियो अनुबंध के पद पर छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में नियुक्त किया गया। लेकिन, चौरसिया हाई कोर्ट पहुंचे थे, जहां से उन्हें स्टे मिल गया था। इसके बाद उन्होंने अपना पद संभाल लिया था। जिसके बाद छिंदवाड़ा के बिछुआ में 9 दिसंबर का हितग्राही सम्मेलन हुआ था। यहां शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे थे। से। मी जब सीएमएचओ चौरसिया ने कार्यक्रम में देखा तो उनके होने का कारण पूछा। से। मी हाई कोर्ट के स्टे नंबर की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने मंच से ही सीएमएचओ सस्पेंड करने का ऑर्डर दे दिया।

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सीएमएचओ बुधवार को याद रखें क्रमांक लेकर आ गए। उच्च न्यायालय में अपने निलंबन को लेकर डॉ. जीएस चौरसिया ने याचिका दायर की थी। बताया गया था कि वे दो बार सस्पेंड हो चुके हैं, जबकि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच नहीं हुई। इसके अलावा वरिष्ठता होने के बावजूद उनके कनिष्ठ अधिकारियों को भी सीएमएचओ निलंबित कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने सभी प्रार्थनाओं को सुनने के बाद छिंदवाड़ा जिले के सीएमएचओ को राहत दी है। निलंबन आदेश को चौरसिया ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कोर्ट ने रोक लगाकर रोके गए आवेदनों को रोक दिया है। यह दूसरी बार है जब चौरसिया को उच्च न्यायालय से राहत मिली है। इससे पहले से। मी नेम ने उन्हें पद से हटा दिया था, तब भी चौरसिया हाई कोर्ट से स्टेले आए थे।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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