
निर्भया कांड : 16 अटैचमेंट 2012 को दिल्ली के बसंत में एक चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था । घटना के समय निर्भया के साथ उसका साथी भी था।
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विस्फोट की घटना को कार्य देने के बाद उसे और उसके साथ बस से फेंक दिया गया था। आज दिल्ली में एक हादसे पर कहर बनकर टूटा था। 16 अटैचमेंट 2012 दिल्ली के वसंत विहार में एक होस्ट के साथ उसके एक दोस्त की मौजूदगी में बस में सामूहिक लूट हुई थी । और उन दोनों को ठिठुरती सर्द रात में चलती बस से झटका दिया गया था। बाद में इलाज के लिए सिंगापुर लाई गई जहां इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया।
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इस पूरी घटना को 23 साल हो गए हैं निर्भया नाम दिया गया। और देश में उसके लिए न्याय की मांग उठी और धीरे-धीरे ये मांग उग्र आंदोलन का रूप ले ली। पुरे देश में निर्भया के लिए न्याय की घुर लगने लगी। इस मामले में मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को चक्कर लगा। इनमें से एक नाबालिग था।जिस मामले में राम सिंह ने सुनवाई शुरू होने के दौरान तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। नाबालिग की सुनवाई के बाद दोषी पाया गया और उसे अच्छा घर भेज दिया गया। तीन साल के अच्छे घर में रखने के बाद उन्हें ऐतिहासिक जेल लाया गया। जिसके बाद निर्भया कांड के आसपास की सड़कों को 20 मार्च 2020 को सुबह-सुबह के समय फांसी पर लटका दिया गया। बंधन को सजा मिलने के बाद निर्भया की मां ने इसे न्याय की जीत बताया था।
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